सगाई पिछले साल जनवरी में। शादी इस साल जुलाई में। लेकिन इसके बीच तीन दिन के शादी-पूर्व धूम-धड़ाके पर ₹1500 करोड़ से ज्यादा उड़ा डाले। यह अनंत विलास कथा उस भारत में हो रही है जहां 81.35 करोड़ लोग प्रतिमाह 5 किलो मुफ्त राशन के मोहताज़ हैं, जहां पिछले दस साल में अरबों डॉलर की दौलत रखनेवाले अमीरों की संख्या 11 गुना बढ़ गई और जहां 21 खरबपतियों के पास 70 करोड़ भारतीयों की कुल दौलत से ज्यादा धन है, लेकिन जहां मोदी सरकार ने आठ साल पहले 2016 से अमीरों के धन पर लगनेवाला वेल्थ टैक्स ही खत्म कर दिया। यह जानना भी दिलचस्प है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल को छोड़ दें तो 2020-21 से लेकर अब तक के तीन साल में से दो साल में व्यक्तिगत रूप से दिया जा रहा इनकम टैक्स कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा है। 2021-22 में कॉरपोरेट टैक्स ₹45,77,19 करोड़ था तो इनकम टैक्स ₹48,71,44 करोड़। 2022-23 में इनकम टैक्स ₹69,62,43 करोड़ था तो कॉरपोरेट टैक्स ₹71,20,37 करोड़। लेकिन 2023-24 में फिर कॉरपोरेट टैक्स ₹82,58,34 करोड़ था तो इनकम टैक्स उससे ज्यादा ₹83,32,60 करोड़ रहा। यूं ही नहीं, आज देश के 10वें और 11वें सबसे ताकतवर व्यक्ति उद्योगपति हैं। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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