व्यक्तियों के मिलने से समुदाय या सम्प्रदाय बनते हैं, जबकि राष्ट्र का निर्माण संस्थाओं के बिना नहीं हो सकता है। समुदाय या सम्प्रदाय तात्कालिक हितों पर आधारित होते हैं, जबकि संस्थाओं के पीछे दीर्घकालिक हित काम करते हैं।
2012-06-27
व्यक्तियों के मिलने से समुदाय या सम्प्रदाय बनते हैं, जबकि राष्ट्र का निर्माण संस्थाओं के बिना नहीं हो सकता है। समुदाय या सम्प्रदाय तात्कालिक हितों पर आधारित होते हैं, जबकि संस्थाओं के पीछे दीर्घकालिक हित काम करते हैं।
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सम्प्रदाय में प्रदाय का अर्थ है देने की व्यवस्था करना और सम का अर्थ है सम्यक प्रकार से | प्रश्न है क्या देना और किस चीज़ की व्यवस्था करना ? पुराने समय में जब भी कोई परमेश्वर को पाने की साधना करता था और उसे उस रास्ते का पता चल जाता था जिससे परमेश्वर की प्राप्ति हो सकती है तो वह निकल पड़ता था ये बात दुनिया को बताने और बन जाता था एक सम्प्रदाय |
अविनाश जी, मैं आपके गहरे व सम्यक विचारों के साथ समझ व व्यवहार का भी कायल हूं। इस देश को आप जैसे लोगों की व्यापक जरूरत है। विस्तार से फिर भी। अभी कुछ देर पहले ही अस्पताल में दो दिन काटने के बाद घर वापस लौटा हूं। आपके निरंतर सहयोग के लिए कैसे आभार व्यक्त करूं, नहीं समझ में आता। लेकिन इतना यकीन है कि अपने कर्मपथ पर डटा रहा तो आपका आभार अपने आप व्यक्त हो जाएगा। आप जैसे लोग किसी भी आभार से ऊपर होते हैं।