रैडिको खैतान का शेयर (बीएसई – 532497, एनएसई – RADICO) पिछले छह महीने में करीब 27 फीसदी गिर चुका है। अक्टूबर 2010 में 178 रुपए पर था। अब 130 रुपए के आसपास है। जबकि इस दरम्यान कंपनी ने अपने ऊपर कर्ज का बोझ घटा लिया है और दिसंबर तिमाही के उसके नतीजे भी ठीकठाक हैं। उसने अभी-अभी बीते वित्त वर्ष 2010-11 की तीसरी तिमाही में 272.95 करोड़ रुपए की बिक्री पर 20.48 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि साल पहले की इसी अवधि में उसकी बिक्री 237.81 करोड़ और शुद्ध लाभ 11.52 करोड़ रुपए था।
इस तरह सालाना तुलना में उसकी बिक्री में 14.78 फीसदी और शुद्ध लाभ में 77.78 फीसदी इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जहां पिछले साल उसे 15.62 करोड़ रुपए का ब्याज अदा करना पड़ा था, वहीं इस बार इस मद में 7.97 करोड़ रुपए ही गए हैं। पूरे वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी पर ब्याज का खर्च 43.72 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है जो साल भर पहले 2009-10 के ब्याज खर्च 61.70 करोड़ से 29.2 फीसदी कम होगा। कंपनी का ऋण-इक्विटी अनुपात 2008-09 में 2.8 था। 2009-10 में उसने इक्विटी शेयरों के क्यूआईपी (क्लाफिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) से 340 करोड़ रुपए जुटाए और इससे 250 करोड़ का कर्ज उतार दिया। नतीजतन उसका ऋण-इक्विटी अनुपात घटकर 0.7 पर आ गया।
ऋण का बोझ घटने का फायदा कंपनी को अब मिलेगा। क्यूआईपी के बाद कंपनी की कुल इक्विटी पूंजी 26.50 करोड़ रुपए है जो 2 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 62.36 फीसदी हिस्सा पब्लिक और 37.64 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है। पब्लिक के हिस्से में से इसके 30.14 फीसदी शेयर एफआईआई के पास हैं। सितंबर तिमाही में एफआईआई की हिस्सेदारी 28.90 फीसदी थी। यानी, उसके बाद उन्होंने कंपनी में हिस्सा बढ़ाया है। डीआईआई (घरेलू निवेशक संस्थाओं) के पास कंपनी के अभी 14.66 फीसदी शेयर हैं।
यह उत्तर प्रदेश में रामपुर की काफी पुरानी कंपनी है। पहले इसका नाम रामपुर डिस्टीलरीज हुआ करता था। उसदी दो इकाइयां उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हैं। ह्विस्की, रम व वोल्दा के साथ-साथ देशी शराब भी बनाती है। उसकी बिक्री का एक चौथाई से ज्यादा हिस्सा देशी शराब से आता है। उसके चार खास ब्रांड हैं – 8 पीएम ह्विस्की, कंटेसा रम, ओल्ड एडमिरल ब्रांडी और मैजिक मोमेंट वोद्का। कंटेसा की सप्लाई मिलिट्री में जमकर होती है और इसे आम लोगों में खास पसंद किया जाता है। 8 पीएम ह्विस्की के ब्लेंड को कंपनी ने ग्राहकों की पसंद के अनुरूप बदला है जिसके बाद उसकी बिक्री में इजाफा हो रहा है। कंपनी ने हाल ही में ह्विस्की के दो नए ब्रांड – आफ्टर डार्क और ईगल्स डेयर लांच किए हैं।
उसका शेयर अभी 26.63 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। यह गणना इस आधार पर की गई है कि उसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (शुद्ध लाभ प्रति शेयर) 4.9 रुपए है। 52 हफ्ते में शेयर का उच्चतम भाव 186.60 रुपए और न्यूनतम भाव 116 रुपए है। अभी यह अपने न्यूनतम भाव के ज्यादा करीब है। जानकारों का मानना है कि चालू अप्रैल माह में ही यह बढ़कर 150 रुपए तक जा सकता है। यानी, इसमें महीने भर में ही 15 फीसदी बढ़ने की गुंजाइश है। लेकिन एक बात हमेशा ध्यान में रखिए कि अनुमान सिर्फ उम्मीद होते हैं और इनके पीछे कोई ठोस विज्ञान नहीं होता। इसलिए शेयर बढ़ भी सकता है और गिर भी सकता है। खुद जोखिम उठाने की बात समझ में आती हो तभी निवेश करें। नहीं तो राम-राम भजें, मौज करें।