कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स का शेयर केवल बीएसई में लिस्टेड है। शुक्रवार को यह 12.18 फीसदी बढ़कर 128.95 रुपए पर बंद हुआ और इसमें कारोबार भी औसत से बहुत ज्यादा हुआ। जहां पिछले दो हफ्तों का औसत 33,000 शेयरों का रहा है, वहीं शुक्रवार को इसमें 2.33 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। इसके पीछे की वजह यह है कि कंपनी के बारे में कोई बड़ी खबर आने को है। जानकार बताते हैं कि इस शेयर में अभी तेजी का रुख बरकरार रहेगा और यह आराम से 160 रुपए तक जा सकता है। और, इसके कुछ ठोस आधार भी हैं।
कंपनी व्यापक इस्तेमाल वाले रसायन बनाती है। उसके उत्पादों में सिंथेटिक कपूर, तारपीन तेल, पाइन ऑयल, रेजिन व एस्ट्रोलाइड शामिल हैं। इनका इस्तेमाल खुशबू व स्वाद, दवा, साबुन, कॉस्मेटिक, रबर व टायर, पेंट और वॉर्निश जैसे उद्योगों में होता है। यह 1961 में बनी बरेली (उत्तर प्रदेश) की मशहूर कंपनी है और वहीं इसका मूल संयत्र भी है। 1999 में इसने बड़ौदा में नया संयंत्र लगाया, जहां यह कई सारे अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पाद बनाती है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 166.65 करोड़ रुपए की बिक्री पर 10.24 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। उसकी कुल इक्विटी 5.13 करोड़ रुपए की है जो 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। शुद्ध लाभ और इक्विटी शेयरों की संख्या के आधार पर हम देख सकते हैं कि उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) 19.95 रुपए है। इस तरह उसका शेयर ईपीएस से 6.46 गुने भाव पर ट्रेड हो रहा है। यह भी गौर करने की बात है कि कंपनी की प्रति शेयर बुक वैल्यू 125.47 रुपए है। जाहिर है कि शेयर का भाव इस समय सस्ता ही माना जाएगा। वैसे, कंपनी ने इसी 23 जुलाई को 134.50 रुपए पर 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर हासिल किया है। इसका न्यूनतम स्तर 57.60 रुपए (5 अगस्त 2009) रहा है।
कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 57.66 फीसदी है। नोट करने की बात यह है कि कंपनी ने जुलाई 2008 में खुद अपने शेयर 167 रुपए के मूल्य पर बायबैक किए थे। इसलिए इनका असली मूल्य मौजूदा बाजार भाव से ज्यादा ही है। जानकारों के मुताबिक कैम्फर का शेयर हफ्ते-दस दिन में ही हो सकता है कि 200 रुपए तक चला जाए। लेकिन ध्यान रखें कि यह महज एक अनुमान है और किसी भी शेयर का भाव बाजार के बहुत सारे कारकों से तय होता है। सभी कारकों की गणना गणित के फॉर्मूले की तरह नहीं की जा सकती है। इसलिए निवेश करें तो यह जानकार कि आप जोखिम उठा रहे हैं।