बाजार बड़ी कोशिश करके 5499.35 तक चला तो गया। लेकिन 5480 का स्तर टूटते ही वह खुद को संभाल नहीं सका और निफ्टी करीब एक फीसदी की गिरावट के साथ 5447.50 पर पहुंच गया। बाजार के इस तरह धड़ाम हो जाने की वजह सिर्फ इत्ती-सी थी कि कुछ फंड हाउसों ने आशंका जता दी कि कल ब्याज दरों में 50 आधार अंक (0.50 फीसदी) की वृद्धि हो सकती है। मेरा मानना है कि या तो ब्याज दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि होगी या होगी ही नहीं। लेकिन अगर खुदा-न-खास्ता यह वृद्धि 0.50 फीसदी रहती है तो बाजार में सुधार का सिलसिला शुरू होने से पहले निफ्टी 70 अंक और गिर सकता है।
दरअसल, वोल्यूम के अभाव में केवल उन्हीं स्टॉक्स में ट्रेडिंग हो रही है जिनमें कुछ नई खबरें/सूचनाएं आ रही हैं या जिन्हें किसी वजह से बटोरा जा रहा है। नहीं तो बाकी किसी स्टॉक में किसी की कोई दिलचस्पी ही नहीं है। मेरी सूचना के मुताबिक इंडिया इनफोलाइन में आज 2 फीसदी इक्विटी बेचने की बल्क डील हुई है। इस दौरान बाजार में कंपनी के बिकने के कयास बढ़ते जा रहे हैं। इसी तरह फर्स्टसोर्स सोल्यूशंस (एफएसएल) के बारे में चर्चा है कि आईबीएम इस कंपनी में आईसीआईसीआई बैंक की हिस्सेदारी काफी प्रीमियम पर खरीद रही है। इसलिए यह स्टॉक आज 7.08 फीसदी बढ़ गया।
खैर, फिलहाल बाजार निराशावाद की गिरफ्त में है। हर कोने से, हर दिशा से खरीदने के बजाय बेचने की ही हवा चल रही है। लगता है, जैसे बाजार के हर कारोबारी को यकीन हो चला है कि भले ही तमाम स्टॉक्स अच्छे हों, लेकिन अभी कुछ भी नहीं खरीदने में ही भलाई है। आज की गिरावट दिखाती है कि बेचनेवाले कितने बढ़ गए हैं। बाजार इस समय ओवरसोल्ड अवस्था में जा पहुंचा है। कल का मुद्दा हाल-फिलहाल के लिए आखिरी झटका साबित होगा।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व का बयान दर्शाता है कि अमेरिका में अर्थव्यवस्था की हालत अब भी दुरुस्त नहीं हुई है। उसने एक और क्वांटिटेटिव ईजिंग (क्यूई) का संकेत दिया है। लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा हो पाना साल 2011 में संभव नहीं है। ऐसा अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के ठीक पहले होगा। क्यूई-3 का आकार क्यूई-1 से बड़ा होगा। यह सोने के लिए अच्छा है। हालांकि चांदी 15 महीने तक इसी तरह हिलती-डोलती रहेगी। उसके बाद इसमें तेजी की नई लहर उठ सकती है।
आजादी का तब तक कोई मतलब नही है जब तक उसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)