प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब तक के ट्रैक-रिकॉर्ड से साबित कर दिया है कि वे सरकार का खज़ाना भरने के लिए टैक्स वसूलने और दूसरे तरीके अपनाने में किसी भी हद तक गिर सकते हैं। रिजर्व बैंक से एकबारगी ₹2.11 लाख करोड़ का रिकॉर्ड लाभांश वसूलना आज तक कोई दूसरा नहीं कर सका। वहीं, जनता से ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूलने का कोई भी मौका वे नहीं चूकते। इस बार भी नहीं चूके हैं। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया। ऊपर से अगर आपने कोई मकान साल 2000 के बाद खरीदा है तो उसे बेचने पर आपको इंडेक्सेशन या मुद्रास्फीति को सोखने वाली कोई सहूलियत नहीं मिलेगी। दस लाख में खरीदा गया मकान अगर आज 30 लाख का हो गया है तो सरकार 20 लाख की सारी बढ़त पर 12.5% कैपिटल गेन्स टैक्स यानी 2.50 लाख वसूल लेगी। मतलब, अब मुद्रास्फीति से लड़ने के इंतज़ाम बेमानी हो गए हैं क्योंकि सरकार महंगाई पर भी टैक्स वसूल लेगी। सरकार ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग पर सिक्यूरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) दोगुना कर दिया है ताकि आम लोग इससे दूर रहें। लेकिन एफ एंड ओ में एसटीटी बेचनेवालों को देना होता है, जबकि आम लोग तो ऑप्शंस बेचते नहीं, खरीदते हैं, जिन पर कहीं से कोई फर्क नहीं पड़ने जा रहा। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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