इस हफ्ते गुरुवार, 1 फरवरी को सरकार नए वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। चुनाव के ठीक पहले का बजट किसी आम बजट से भी ज्यादा अहम हो सकता है क्योंकि तब सरकार अवाम को थोड़ा ज्यादा याद रखती है। टैक्स नहीं लगा सकती। हालांकि गरीब नवाज़ होने का हल्ला खूब मचाएगी। मीडिया अगले चार-पांच दिन तक बजट को लेकर पगलाया रहेगा। वो क्या कहेगा, इसका आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है। या तो बजट को शानदार-जानदार बताएगा या बहुत खराब हुआ तो संतुलित बताएगा। लेकिन पूरा सच कभी नहीं बताएगा। वो नहीं बताएगा कि सरकार बजट की संख्याओं के साथ जबरदस्त हेराफेरी करती रही है। वैसे, इस अंतरिम बजट में कुछ भी अनोखा या चौंकानेवाला नहीं होने जा रहा। ऐसा इशारा खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर चुकी हैं। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई भरोसा नहीं क्योंकि 2019 के चुनावों के ठीक पहले अंतरिम बजट में इनकम टैक्स के स्लैब बदल दिए गए थे। यह सरकार परम्परा की कोई परवाह नहीं करती। लेकिन वह क्रांतिकारी नहीं, बल्कि भयंकर अवसरवादी है। प्रधानमंत्री मतदाताओ को लुभाने व चौंकाने के लिए कभी भी कुछ भी चारा फेंक सकते हैं। अब सोमवार का व्योम…
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