बेरोज़गारी से निपटना सबसे बड़ी चुनौती

देश के आम ही नहीं, अधिकांश खास लोग भी मानते हैं कि इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोज़गारी है और 4 जून को आम चुनावों के नतीजों के बाद जो नई सरकार बनेगी, उसके सामने सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती बेरोज़गारी ही रहेगी। यह निष्कर्ष है प्रमुख समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा बड़े राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए सर्वे का। रॉयटर्स ने 16 अप्रैल से 23 अप्रैल के बीच ऐसे 26 अर्थशास्त्रियों से चुनिंदा सवालों पर बातचीत की। इनमें से 15 का कहना था कि चुनावों के बाद बनने जा रही नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेरोज़गारी से कारगर तरीके से निपटना होगा। दो ने माना कि ग्रामीण खपत बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती है, जबकि एक ने गरीबी को सबसे बडी समस्या माना। बता दें कि हाल ही में सीएसडीएस (सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज) की रिसर्च शाखा लोकनीति ने मतदाताओं का एक सर्वे किया था। इसका भी निष्कर्ष था कि 27% मतदाता बेरोज़गारी और 23% मतदाता गरीबी को सबसे बड़ी समस्या बताते हैं। दिक्कत यह है कि अधिकांश लोग मानते हैं कि मोदी सरकार ही तीसरी बार सत्ता में आने जा रही है, मगर बेरोज़गारी से निपटने में उसका ट्रैक-रिकॉर्ड बेहद खराब है। अब सोमवार का व्योम…

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