बजट अंतरिम हो या पूरा, उसमें सरकार की प्राप्तियों व व्यय का व्यापक ब्योरा होता है और व्यय प्राप्तियों से जितना ज्यादा होता है, सरकार उसे राजकोषीय घाटा दिखाकर देशी-विदेशी उधार से पूरा करती है। लेकिन इस बार के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्राप्तियों में गजब की ‘कलाकारी’ की है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष 2023-24 की कुल प्राप्तियां बजट अनुमान और संशोधित अनुमान में कमोबेश बराबर दिखाई हैं। बजट अनुमान ₹45,03,097 करोड़ और संशोधित अनुमान ₹44,90,486 करोड़। कर राजस्व लगभग बराबर है। लेकिन कर-भिन्न राजस्व को ₹3,01,650 करोड़ से सीधे 24.58% बढ़ाकर ₹3,75,795 करोड़ रुपए कर दिया। लाभांश व लाभ से उसे ₹91,000 करोड़ मिलने थे। लेकिन संशोधित अनुमान में यह रकम ₹63,407 करोड़ अधिक ₹1,54,407 करोड़ है। इसमें से ₹50,000 करोड़ वह सरकारी उपक्रमों से बतौर लाभांश हासिल किया है जिसका बजट अनुमान ₹43,000 करोड़ था। लेकिन रिजर्व बैंक और सरकारी बैंकों से वह ₹1,04,407 करोड़ झटक रही है जो ₹48,000 करोड़ के बजट अनुमान के दोगुने से भी ज्यादा है। जाहिर है कि सरकार ने रिजर्व बैंक और सरकारी बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से यह वसूली गला दबाकर की है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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