मई के डेरिवेटिव सौदों की एक्सपायरी कल महीने के अंतिम गुरुवार को पूरी हो गई। नतीजा आ चुका है यह देखने का कि हफ्ते भर पहले 21 मई को निफ्टी ऑप्शन में ट्रेडिंग की जो तीन रणनीतियां हमने अपनाई थीं, वे कितनी कामयाब रहीं, उन्होंने कितना कमाया या गंवाया है और उनका रिटर्न कितना रहा है? इसी के आधार पर हम समझ पाएंगे कि इन्हें अपनाने में क्या-क्या दूसरी सावधानियां बरती जानी चाहिए थीं।
21 मई 2020 को निफ्टी 9106.25 पर बंद हुआ था, जबकि कल 28 मई2020 को इसका बंद स्तर 9490.10 का रहा है। इस तरह हफ्ते भर में निफ्टी 4.22 प्रतिशत बढ़ा है। हमने निफ्टी ऑप्शंस में ट्रेडिंग की जो तीन रणनीतियां अपनाई थीं, उनमें से पहली थी बटरफ्लाई स्प्रेड। यह कम वोलैटिलिटी की स्थिति में काम आनेवाली रणनीति है। इसमें हमने 9150 रुपए स्ट्राइक मूल्य का एक और 9050 स्ट्राइक मूल्य का दूसरा कॉल ऑप्शन खरीदा था। 9150 के स्ट्राइक मूल्य वाले कॉल ऑप्शन का भाव 92.35 रुपए और 8950 के स्ट्राइक मूल्य वाले कॉल ऑप्शन का भाव 140 रुपए रहा था तो इन दोनों के एक-एक (75-75 शेयर) लॉट के लिए हमें कुल 17,426.25 रुपए का प्रीमियम देना पड़ा।
इस रणनीति में साथ ही हमने 9100 स्ट्राइक मूल्य के दो कॉल ऑप्शन बेचे थे। इस ऑप्शन का मूल्य उस दिन 114 रुपए था तो इसके दो लॉट बेचने पर हमें 17,100 रुपए का प्रीमियम मिला था। इस तरह एक ओटीएम व एक आईटीएम कॉल ऑप्शन खरीदने और दो एटीएम कॉल ऑप्शन बेचने से संबंधित इस रणनीति पर हमारी शुद्ध लागत 326.25 रुपए आई थी।
बटरफ्लाई स्प्रेड: देखते हैं कि इस रणनीति ने क्या गुल खिलाया है। 9150 रुपए स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन पर हमें प्रति शेयर 340.10 रुपए ज्यादा मिले हैं तो 92.35 रुपए का प्रीमियम घटाकर हमारा मुनाफा 247.75 रुपए का हुआ और एक लॉट का कुल मुनाफा 247.75 x 75 = 18,581.25 रुपए का हो गया। वहीं, 8950 स्ट्राइक मूल्य वाले कॉल ऑप्शन पर हमारा मुनाफा 540.10 रुपए रहा है तो 140 रुपए का प्रीमियम घटाकर हमारा मुनाफा 400.10 रुपए का हुआ और एक लॉट का कुल मुनाफा 400.10 x 75 = 30,007.50 रुपए का हुआ। इन दोनों कॉल ऑप्शंस से हमारा सम्मिलित फायदा 48,588.75 रुपए का हुआ।
दूसरी तरफ हमने इस रणनीति के तहत 9100 रुपए स्ट्राइक मूल्य के दो कॉल ऑप्शन बेचे थे। चूंकि निफ्टी 9490.10 पर बंद हुआ है, इसलिए इन पर हमें 58,515 रुपए ऑप्शन खरीदनेवाले को देने पड़ेगे। पहले हमें इनसे 17,100 रुपए का प्रीमियम मिला था तो हमारी शुद्ध देनदारी 41,415 रुपए की हुई।
खरीदे गए दो ऑप्शन पर 48,588.75 रुपए का फायदा हुआ है। इस तरह इस रणनीति से हमें कुल मिलाकर 7173.75 रुपए का फायदा हुआ। 326.25 रुपए की शुद्ध लागत पर हफ्ते भर में 7173.75 रुपए का फायदा। यानी, यह रणनीति कामयाब मानी जाएगी। हफ्ते भर में लगभग 22 गुना रिटर्न!!!
स्ट्रैडल: इस रणनीति में 9100 रुपए स्ट्राइक मूल्य का एक कॉल ऑप्शन और इतने ही स्ट्राइक मूल्य का पुट ऑप्शन खरीदा था। कॉल ऑप्शन का भाव 114 रुपए था तो इसके एक लॉट यानी 75 शेयरों पर हमें 8550 रुपए का प्रीमियम देना पड़ा। साथ ही 9100 स्ट्राइक मूल्य के पुट ऑप्शन का भाव 149 रुपए था तो उसके एक लॉट के लिए हमें 11,175 (=75×1149) रुपए देने पड़े। इस तरह इस रणनीति में हमारी कुल लागत 19,725 रुपए आई थी।
एक्सपायरी के दिन 9100 के कॉल ऑप्शन का भाव 391.75 रुपए रहा है। इसमें से 114 रुपए का प्रीमियम घटा दें तो हमारा मुनाफा 277.75 रुपए रहा और पूरे लॉट पर हमारा शुद्ध लाभ 20,831.25 रुपए रहा है। वहीं, 9100 स्ट्राइक प्राइस का पुट ऑप्शन चूंकि ओटीएम (निफ्टी का बाज़ार मूल्य स्ट्राइत मूल्य से ज्यादा) हो गया है तो इसमें हमारा सारा 11,175 रुपए का प्रीमियम डूब गया। फिर भी इस रणनीति पर हमारा शुद्ध लाभ 9656.25 रुपए का रहा है। 19,725 रुपए लगाकर हफ्ते भर में 9656.25 रुपए का फायदा। यानी, यह रणनीति भी कामयाब रही। हफ्ते भर में 48.95 प्रतिशत का रिटर्न!!!
स्ट्रैंगल: स्ट्रैंगल रणनीति के अंतर्गत हमने 9250 स्ट्राइक मूल्य का कॉल ऑप्शन और 8950 रुपए स्ट्राइक मूल्य का पुट ऑप्शन खरीदा था। इनका भाव क्रमशः 54 रुपए और 90 रुपए था तो हमें कॉल ऑप्शन के एक लॉट का प्रीमियम 4050 रुपए और पुट ऑप्शन के एक लॉट का प्रीमियम 6750 रुपए देना पड़ा। इस तरह कुल लागत 10,800 रुपए आई थी।
कॉल ऑप्शन में चूंकि खरीदने का अधिकार होता है तो पर हमें 9490.10 रुपए का निफ्टी 9250 के स्ट्राइक मूल्य पर मिल गया तो हमारे हाथ में प्रति शेयर 240.10 रुपए आ गए। 54 रुपए का प्रीमियम घटाने पर प्रति शेयर लाभ 186.10 रुपए रहा तो पूरे एक लॉट पर शुद्ध लाभ 13,957.50 रुपए का हुआ। लेकिन हमारा खरीदा गया 8950 रुपए का पुट ऑप्शन चूंकि ओटीएम हो गया है, इसलिए उस पर दिया गया 6750 रुपए का प्रीमियम डूब गया। फिर भी इस रणनीति पर हमारा शुद्ध लाभ 7207.50 रुपए का रहा है। इस तरह 10,800 रुपए की लागत पर 7207.50 रुपए का फायदा। यानी, यह रणनीति भी सफल रही। हफ्ते भर में 66.74 प्रतिशत का रिटर्न!!!
कमाल हो गया। ऑप्शन ट्रेडिंग की तीनों की तीनों रणनीतियां कामयाब रहीं। यह व्यावहारिक उपलब्धि यह दिखाती है कि इन्हें निफ्टी ऑप्शंस की ट्रेडिंग में आजमाया जा सकता है क्योंकि इनमें कैश सेगमेंट से कहीं ज्यादा रिटर्न देने की सामर्थ्य है। तीनों रणनीतियों को मिलाकर देखें तो इनके अमल पर हमारी शुद्ध लागत 30,851.25 रुपए आई। इस पर हमने एक हफ्ते में 24,037.50 रुपए का फायदा कमाया है और हमारा साप्ताहिक रिटर्न 77.91 प्रतिशत निकलता है। यह एक असंभव-सा रिटर्न दिखता है। इसलिए इसे और ज्यादा बारीकी से देखने-समझने और आजमाने की ज़रूरत है।
अभी तो फिलहाल इतना याद रखें कि हमने अपनी गणना में ब्रोकरेज जैसे खर्च नहीं जोड़े हैं। साथ ही स्टॉक्स और डेरिवेटिव ट्रेडिंग से हुई कमाई बिजनेस आय में गिनी जाती है तो हर तिमाही इसका रिटर्न भी भरना पड़ता है। इन सारे खर्चों को निकालकर ही ऑप्शंस ट्रेडिंग की उक्त रणनीतियों का वास्तविक रिटर्न गिना जाएगा।
लॉक-डाउन के दौरान निफ्टी ऑप्शंस की ट्रेडिंग की तह में पैठने की यह कोशिश जारी रहेगी। वैसे भी मुंबई में लॉकडाउन का कम से कम दो हफ्ते बढ़ना तय माना जा रहा है।