चालू वित्त वर्ष 2010-11 की चौथी व आखिरी तिमाही में ज्यादा एडवांस टैक्स भरने रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे आगे है। उसने इस बार 1054 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स भरा है जबकि पिछले साल की चौथी तिमाही में यह 770 करोड़ रुपए था। टाटा स्टील ने इस बार 987 करोड़ का टैक्स जमा कराया है, जबकि पिछली बार यह रकम 513 करोड़ रुपए थी। कंपनियों के एडवांस टैक्स को उनकी आय का पैमाना जाता है। इसलिए लगता है कि कॉरपोरेट क्षेत्र की चौथी तिमाही धंधे व कमाई के लिहाज से अच्छी रही है।
ऑटो कंपनियों में बजाज ऑटो ने 175 करोड़ की तुलना में 250 करोड़, टाटा मोटर्स ने शून्य की तुलना में 115 करोड़ और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 226 करोड़ की तुलना में 307 करोड़ का एडवांस टैक्स जमा कराया है। हिंडाल्को ने जहां 110 करोड़ की तुलना में 160 करोड़ टैक्स दिया है, वहीं एमआरपीएल ने 180 करोड़ की तुलना में इस बार 296 करोड़ टैक्स भरा है। एल एंड टी ने भी इस बार 300 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स भरा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह 270 करोड़ रुपए था। टीसीएस ने इस बार 210 करोड़ का टैक्स अदा किया है, जबकि पिछली बार यह 150 करोड़ रुपए था। सूत्रों के मुताबिक इनफोसिस ने इस बार 125 करोड़ की तुलना में 250 करोड़ का एडवांस टैक्स भरा है।
देश में कार्यरत तकरीबन सभी विदेशी बैंकों ने चौथी तिमाही में ज्यादा टैक्स भरा है। जेपी मॉरगन ने 28 लाख की तुलना में 158.2 करोड़, सिटी बैंक ने 150 करोड़ की तुलना में 400 करोड़ और डॉयचे बैंक ने 60 करोड़ की तुलना में इस बार 170 करोड़ रुपए का टैक्स अदा किया है। एचएसबीसी ने इस बार 449 करोड़ जमा कराए हैं, जबकि साल भर पहले यह 190 करोड़ रुपए था। वहीं स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की अग्रिम कर अदायगी साल भर के स्तर 200 करोड़ रुपए के बराबर है।
निजी क्षेत्र के बैंकों में एचडीएफसी बैंक ने 300 करोड़ की तुलना में 540 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक ने 350 करोड़ की तुलना में 475 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स भरा है। इससे संकेत मिलता है कि एचडीएफसी बैंक ने चौथी तिमाही में देश के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक से ज्यादा कमाई की है। हाउसिंग फाइनेंस की सबसे बड़ी कंपनी एचडीएफसी ने इस बार 340 करोड़ का टैक्स भरा है, जबकि साल भर पहले यह 280 करोड़ रुपए था। हिंदुस्तान जिंक ने पूरे वित्त वर्ष 2010-11 के लिए 995 करोड़ का एडवांस टैक्स अदा किया है जो इससे पिछले वित्त के 738 करोड़ से लगभग 35 फीसदी ज्यादा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा ने 300 करोड़ की तुलना में इस बार 400 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स भरा है। लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई समेत औरों की हालत चंगी नहीं दिखती। एसबीआई ने 1857 करोड़ की तुलना में इस बार 1500 करोड़ का ही टैक्स भरा है। इसी तरह यूनियन बैंक ने 175 करोड़ की बनिस्बत 70 करोड़ और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 252 करोड़ की तुलना में 110 करोड़ का ही टैक्स भरा है। आईडीबीआई बैंक ने पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 25 करोड़ का एडवांस टैक्स भरा था, जबकि इस बार यह रकम 4 फीसदी बढ़कर मात्र 26 करोड़ रुपए हो गई है।
बाकी जिन कंपनियों की हालत खराब दिख रही है उनमें हिंदुस्तान लीवर (170 करोड़ की तुलना में 150 करोड़), टाटा मोटर्स (115 करोड़ की तुलना में 50 करोड़) और टाटा केमिकल्स (42.5 करोड़ की तुलना में 20 करोड़) शामिल हैं।
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