सनटेक रीयल्टी। मुंबई में महंगे घर और व्यावसायिक इमारतें बनानेवाली कंपनी। लेकिन जिसका सालाना ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) मात्र 35 पैसे हो; जिसने पिछले दो सालों में अपने शेयरधारकों को 2 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर मात्र 12 पैसे का लाभाश दिया है; जिसका शेयर सितंबर के बाद से आधे से भी ज्यादा गिर जाने के बावजूद 957 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। मैं ऐसी कंपनी पर कभी भी दांव नहीं लगा सकता। लेकिन जाने-माने बैंक से जुड़ी जानी-मानी ब्रोकिंग फर्म एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का कहना है कि इसका शेयर (बीएसई – 512179, एनएसई – SUNTECK) साल भर में डेढ़ गुना हो सकता है। ताजा बंद भाव 335 रुपए से बढ़कर यह 515 रुपए तक जा सकता है। यानी, पूरे 53.73 फीसदी रिटर्न की गुंजाइश। कैसे? आइए देखते हैं।
एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का दावा है कि सनटेक रीयल्टी चालू वित्त वर्ष 2011-12 से लेकर वित्त वर्ष 2014-15 तक शानदार रफ्तार से विकास करने जा रही है। अभी 2 मई को घोषित नतीजों के मुताबिक कंपनी ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 में समेकित रूप से 19.83 करोड़ रुपए की आय पर 3.39 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। जबकि, एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का आकलन है कि वो चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 126.5 करोड़ की आय पर 43.7 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाएगी और इसके अगले साल 2012-13 में आय 1859.6 करोड़ और शुद्ध लाभ 820.6 करोड़ रुपए हो जाएगा। इस साल कंपनी का ईपीएस 6.9 रुपए और अगली साल सीधे 130.3 रुपए पर पहुंच जाएगा। इस तरह उसका शेयर अभी चालू वित्त वर्ष 2011-12 के अनुमानित ईपीएस के हिसाब से 48.55 के पी/ई और वित्त वर्ष 2012-13 के अनुमानित ईपीएस के हिसाब से मात्र 2.27 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इसके बाद के दो सालों में कंपनी और भी तेज प्रगति करेगी।
ब्रोकर फर्म का कहना है कि उसकी गणना के हिसाब से सनटेक रीयल्टी का शुद्ध आस्ति मूल्य (एनएवी) चालू वित्त वर्ष 2011-12 के अंत तक 735 रुपए प्रति शेयर होगा। इसमें 30 फीसदी कटौती करने के बाद उसने सनटेक रीयल्टी के शेयर का बाजार भाव 515 रुपए निकाला है जो वाजिब भी है और व्यावहारिक भी। उसने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि सनटेक रीयल्टी के पास मुंबई के इर्दगिर्द 137 लाख वर्गफुट जमीन है। इस पर वह अगले आठ से दस सालों में आवासीय व व्यावसायिक इमारतें खडा करना चाहती है।
कंपनी अभी मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स में तीन आवासीय प्रोजेक्ट चला रही है जिसका कुल बिक्रीयोग्य क्षेत्रफल 16 लाख वर्गफुट है। इनमें अपार्टमेंट का आकार 4000 से 9000 वर्गपुट का है। कंपनी इनमें से कुल 5 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल के फ्लैट 1660 करोड़ रुपए में बेच चुकी है। कंपनी की जमीन की एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) लागत मात्र 754 रुपए प्रति वर्गफुट आई है। उसने पिरामल समूह के साथ एक संयुक्त उद्यम भी बना रखा है। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज ने ऐसी तमाम सूचनाओं के आधार पर कहा है कि सनटेक रीयल्टी का शेयर इस समय ‘अंडर प्राइस्ड’ है।
समझ में नहीं आता कि 957 के पी/ई पर ट्रेड हो रहे किसी शेयर को महज भावी संभावनाओं के आधार पर कैसे ‘अंडर प्राइस्ड’ माना जा सकता है। वो भी तब, जब रीयल्टी सेक्टर में डीएलएफ, इंडियाबुल्स रीयल एस्टेट व यूनिटेक जैसे दिग्गज पिटे पड़े हों और क्रमशः 39.45, 106.48 व 16.18 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे हों। वैसे भी इस समय मुंबई के प्रॉपटी बाजार में बुलबुलों के बनने की चर्चाएं चल रही हैं। खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि काले धन का सबसे बड़ा स्रोत रीयल एस्टेट है। रीयल्टी कंपनियों को बैंक अब लोन देने में ज्यादा ही हिचकिचाते हैं क्योंकि रिजर्व बैंक ने ऐसे ऋणों पर प्रावधान के मानक कड़े कर दिए हैं।
मेरा बस इतना कहना है कि अगर इतनी सारी नकारात्मक सच्चाइयों के बाद भी किसी चीज को बहुत ज्यादा चमका कर दिखाया जा रहा है, ऐसा कुछ बताया जा रहा है जिस पर सहजता से यकीन नहीं आता तो उसे ‘उस्तादों’ के लिए छोड़ देना चाहिए क्योंकि इतनी चकाचौंध हमें छलने का बहाना भी हो सकती है। जो बहुत ज्यादा जोखिम उठाना चाहते हैं, वे एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के विश्लेषण पर यकीन रख सकते हैं। लेकिन इस तरह का जोखिम उठाना हमारे-आप जैसे आम निवेशकों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। दो साल बाद मई 2013 में देखेंगे कि एचडीएफसी सिक्यूरिटीज का दावा कितना सच रहा और सनटेक रीयल्टी ने क्या वाकई 130.3 रुपए का ईपीएस हासिल कर लिया है?