जब हर तरफ कोहराम मचा हो, सेंसेक्स 18,000 के अंक के नीचे तक डुबकी लगा रहा हो, तब भी कोई स्टॉक चमक जाए तो समझिए कि उसमें दमखम जरूर होगा। नाल्को (नेशनल एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड) का शेयर कल बीएसई (कोड – 532234) में 2.09 फीसदी और एनएसई में (कोड – NATIONALUM) में 2.28 फीसदी बढ़ा है। नाल्को बीएसई-100 सूचकांक में शामिल है। वैसे, कल सेंसेक्स के 30 शेयरों में से जो तीन शेयर बढ़े हैं, उनमें से दो का वास्ता मेटल सेक्टर से है। हिंडाल्को एल्यूमीनियम बनाती है तो स्टरलाइट मुख्यतः तांबे के धंधे में है। तीसरा स्टॉक एचडीएफसी का है।
बता दें कि नाल्को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। उसके पास पूरे एशिया में एल्यूमीनियम की सबसे बड़ी एकीकृत सुविधाएं हैं। इसमें बॉक्साइट माइनिंग, एल्यूमिना रिफाइनिंग, एल्यूमीनियम रिफाइनिंग व कास्टिंग, अपना बिजली उत्पादन और रेल व बंदरगाह तंत्र शामिल है। 1981 में बनी कंपनी है। 1985-87 के दौरान पूरी तरफ उत्पादन चालू किया। उसके बाद से लगातार अपने दम पर बढ़ती रही है।
कंपनी ने दिसंबर 2010 की तिमाही में 1443.12 करोड़ रुपए की आय पर 255.95 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। एल्यूमीनियम उद्योग की अन्य कंपनियों की तुलना में इसका लाभ मार्जिन काफी बेहतर है। जैसे हिंडाल्को का शुद्ध लाभ मार्जिन (एनपीएम) 7.40 फीसदी और पारेख एल्यूमिनेक्स का 7.49 फीसदी है, जबकि नाल्को का एनपीएम 17.74 फीसदी है। इसी तरफ जहां नाल्को का परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 33.19 फीसदी है, वहीं हिंडाल्को का ओपीएम 13.32 फीसदी और पारेख एल्यूमिनेक्स का 17.36 फीसदी है।
वैसे, बता दें कि अर्थकाम ने हिंडाल्को को 5 मई 2010 को 164 रुपए पर खरीदने की सिफारिश की थी। कल 1 फरवरी 2011 को यह बीएसई में 229.85 रुपए पर बंद हुआ है। नौ महीने में 40.15 फीसदी का रिटर्न। यह है फर्क अपनी बचत को बैंक में फंसाकर रखने और अच्छे शेयरों में लगाने के बीच का। उसी दिन हमने ऑपरेटरों द्वारा संचालित पारेख एल्यूमिनेक्स पर भी एक लाइन लिखी थी। लेकिन वह तब तो भागा जा रहा है। 273 रुपए पर पहुंच गया था। लेकिन अब घटकर 240.25 पर आ गया है। इसलिए गांठ बांध ले कि अच्छे व मजबूत शेयरों में निवेश तुरत-फुरत नहीं, लेकिन साल-छह महीने में फलता जरूर है। हालांकि हमें निवेश का नजरिया इससे ज्यादा समय का रखना चाहिए।
खैर, नाल्को का शेयर इधर इसलिए भी शायद बढ़ा हो क्योंकि इसी हफ्ते सोमवार 31 जनवरी को कंपनी के निदेशक बोर्ड ने अपनी बैठक में कुछ जबरदस्त फैसले किए हैं। एक, कंपनी के दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर को दो भागों में स्प्लिट या बांटकर 5 रुपए अंकित मूल्य का कर दिया जाएगा। दो, कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को एक पर एक बोनस शेयर देगी। निदेशक बोर्ड ने बैठक के पूर्व निर्धारित एजेंडे से बाहर जाकर यह फैसला लिया है।
अब इस फैसले को शेयरधारकों की ईजीएम से पास कराना होगा। तब यह लागू होगा। एक रिकॉर्ड तिथि घोषित की जाएगी। उस तारीख तक जो भी कंपनी के शेयरधारक होंगे, उन्हें बोनस व स्टॉक स्प्लिट का लाभ मिलेगा। इससे पहले जिसके पास कंपनी का दस रुपए अंकित मूल्य का एक शेयर होगा, उसके पास बाद में पांच रुपए अंकित मूल्य के चार शेयर हो जाएंगे। कंपनी का शेयर अगर अभी 400 रुपए चल रहा है तो उसका मूल्य बाद में इसी अनुपात में घटकर 100 रुपए हो जाएगा। इसलिए इन सारे पहलुओं को भी देखा जाना चाहिए।
नाल्को अच्छी व मजबूत कंपनी है। इसमें हमारे-आप जैसे आम निवेशकों को शेयरधारक बन जाना चाहिए। लेकिन दो-चार दिन पहले देखिए कि नाल्को का शेयर किधर जा रहा है। हो सकता है कि बोनस व स्टॉक स्प्लिट की खबर ने इसे फुला दिया हो। इसलिए 500 शेयर खरीदने हैं तो यह खरीद 50-50 शेयरों में बांटकर की जानी चाहिए। चलते-चलते बता दें कि नाल्को का ठीक पिछले बारह महीनो का ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) 17.65 रुपए है और उसका शेयर अभी 22.80 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। हिंडाल्को का पी/ई अनुपात अभी इससे थोड़ा कम 21.36 चल रहा है।