एक बात जान लें कि भारत की विकासगाथा को अगले 15-20 साल तक कोई आंच नहीं आने जा रही। घटिया से घटिया सरकार आ जाए, पर हमारे कॉरपोरेट क्षेत्र का बढ़ना तय है। इसलिए लम्बे समय में हमारे शेयर बाज़ार का कुलांचे मारना भी पक्का है। ध्यान रहे कि शेयर बाज़ार हमेशा लहरों में चलता है। कभी नीचे तो कभी ऊपर। नीचे गिरने पर खरीदना और ऊपर जाने पर मुनाफा निकाल लेना। कुशल ट्रेडर या निवेशक की यही रणनीति होनी चाहिए। लेकिन हमें स्टॉक्स को चुनते समय बराबर यह सावधानी बरतनी होगी कि जोश या टिप्स के चक्कर में गधे को घोड़ा समझने की भूल न कर बैठें। यकीनन, बहुत सारे स्टॉक्स निवेशकों के उन्माद के चलते आसमान छूते चले जाएंगे। अभी भी हर सूचकांक में शामिल अधिकांश शेयर या तो 52 हफ्तों के शिखर के करीब हैं या नए-नए शिखर बना रहे हैं। गिने-चुने स्टॉक्स किसी वजह से पीछे रह गए हैं। ऐसे में लम्बे निवेश के लिए उन्हीं स्टॉक्स को चुनें जो भारत की विकासगाथा से मेल खाते हों, जिनका गहरा वास्ता इंफ्रास्ट्रक्चर, कंस्ट्रक्शन, डिफेंस, रेलवे, ऑयल व गैस, खनन और निर्यात जैसे बिजनेस से हो। आज तथास्तु में इन तमाम क्षेत्रों से जुड़ी एक कंपनी…
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