भारत में पिछले सौ सालों में 18 साल सूखे के रहे हैं। इनमें से 13 सालों का वास्ता अन निनो से रहा है। साल 1900 से 1950 के बीच सात साल ही अन निनो आया था। लेकिन साल 1951 से 2021 के दौरान 15 साल अन निनो की गिरफ्त में रहे। इनमें से मानसून के नौ सीजन में औसत से 90% या कम बारिश हुई थी और सूखे के हालात बन गए थे। सबसे ताज़ा सूखा साल 2015 का रहा है। इस बार भी अभी तक के संकेत शुभ नहीं दिखते। अमेरिकी एजेंसी अल निनो की पुष्टि कर चुकी है। हालांकि भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि जून, जुलाई व अगस्त में 70% प्रायिकता है कि अल निनो मानसून में बाधा डालेगा। लेकिन जुलाई से सितंबर तक इसका काफी ज्यादा असर हो सकता है। आशंका है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का बड़ा हिस्सा इस बार कम बारिश या सूखे की मार झेल सकता है। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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