बाजार कल 350 अंक बढ़ा था तो सामान्य तौर पर उसे आज गिरकर बंद होना चाहिए था। लेकिन चूंकि बाजार में कोई खास पोजिशन नहीं बन रखी हैं, इसलिए आज बाजार का बढ़ना वाजिब माना जा सकता है। सेंसेक्स 20,000 के पार जाने के बाद 142.70 अंक की बढ़त के साथ 19992.70 पर बंद हुआ तो निफ्टी 50.80 अंक बढ़कर फिर से 6000 के ऊपर पहुंच गया और बंद हुआ 6011.70 के स्तर पर।
कमाल की बात यह है कि सबसे ज्यादा मार का शिकार हुए सेक्टर ने सबसे बेहतर चाल दिखाई है और यह सेक्टर है रीयल्टी। मैं इस सेक्टर को लेकर जबरदस्त तेजी की धारणा रखता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि लिक्विडिटी या नकदी का प्रवाह भले ही बाजार में सूख गया हो, लेकिन भारत के लोगों के पास नकदी अभी तक सूखी नहीं है।
दूसरी बात यह है कि यह सेक्टर को चलानेवाले हमारे राजनेता हैं और 14 लाख करोड़ डॉलर की पूंजी भारतीय रीयल्टी बाजार में आने को तैयार बैठी है। यह किसी और की नहीं, हमारी पूंजी है जो बाहर से घूमकर यहां आ रही है। आप बिल्डिंग में फ्लोर के फ्लोर जोड़ सकते हैं और यह काम हमारे प्लेटफॉर्म पर बहुराष्ट्रीय कंपनियां करेंगी। आप बस देखते जाओ कि रीयल्टी सेक्टर सुस्त पड़ता या रफ्तार पकड़ता है। मुझे तो इस सेक्टर से मोहब्बत हो गई है। हालांकि इसे बुरी तरह धुना जा चुका है।
कल से क्विंटेग्रा सोल्यूशंस और कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स ट्रेड टू ट्रेड श्रेणी से बाहर आ रहे हैं। बालासोर एलॉयज आज 2.67 फीसदी बढ़ा है, लेकिन कल 30 रुपए और सोमवार को 40 रुपए तक जा सकता है। बॉम्बे डाईंग 1300 करोड़ रुपए का कर्ज उतारने जा रही है। यह खबर सामने आने के बाद यह शेयर 800 रुपए तक जा सकता है। इस समय यह 565.65 रुपए पर है। निफ्टी संभवतः कल 6130 तक चला जाए। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) में बढ़त का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसकी खास वजह विश्व स्तर प्राकृतिक गैस की कीमतों का बढ़ना है।
मैं साफ देख रहा हूं कि फरवरी में बजट आने से पहले बीएसई सेंसेक्स 23,000 तक पहुंच जाएगा। इसके कारण अगले कुछ दिनों में आप सबके सामने आ जाएंगे, हालांकि इनके बारे में मैं कई बार लिख चुका हूं। ट्रेडरों के लिए स्क्रीन ही भगवान है और वे हवा के रुख के साथ बहते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता। डाउ जोंस पर नजर रखिए जो 11,300 के ऊपर बंद हो रहा है। भय और लालच को दूसरे शब्दों में कैसे बयां कर सकते हैं, इसके लिए नीचे की लाइनों पर ज़रा गौर फरमाइए…
अगर कोई यकीन के साथ शुरू करता है तो उसका अंत संदेहों में हो सकता है। लेकिन यदि कोई संदेहों के साथ ही शुरूआत करता है तो यकीनन उसका अंत हो जाएगा।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)