मुंबई की कंस्ट्रक्शन व इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्रतिभा इंडस्ट्रीज में इधर हलचल कुछ ज्यादा ही तेज हो गई है। कंपनी को पिछले हफ्ते तीन खास कांट्रैक्ट मिले हैं। पहला, गोदावरी मराठवाडा इरिगेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, औरंगाबाद से 37.44 करोड़ रुपए का। दूसरा, रहेजा यूनिवर्सल की तरफ से मुंबई में तीन रिहाइशी इमारतें बनाने के लिए 63 करोड़ रुपए का कांट्रैक्ट, जिसमें 20 फ्लोर की तीन इमारतें बनाई जानी हैं। तीसरा कांट्रैक्ट है तमिलनाडु वॉटर सप्लाई एंड ड्रेनेज बोर्ड का। यह कांट्रैक्ट 387.54 करोड़ रुपए का है, लेकिन चार कंपनियों को साथ में मिला है जिसमें प्रतिभा इंडस्ट्रीज का हिस्सा 20 फीसदी है।
दो दिन बाद ही 10 नवंबर को प्रतिभा इंडस्ट्रीज की असाधारण आमसभा (ईजीएम) होने जा रही है जिसमें कंपनी की अधिकृत पूंजी को 25 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 40 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव पास किया जाना है। पिछल ही महीने कंपनी ने अपनी इक्विटी या चुकता पूंजी 16.69 करोड़ रुपए के बढाकर 19.12 करोड़ रुपए की है। असल में वह मॉरीशस के पतेवाली एक कंपनी वान डिक को अपने 38.04 लाख इक्विटी शेयर और 16.30 लाख अनिवार्य रूप से पार्टिसिपेटरी परिवर्तनीय प्रिफरेंस शेयर (सीसीपीपीएस) जारी कर रही है। शेयर 92 रुपए पर दिए जा रहे हैं और सीसीपीपीएस का शेयरों में परिवर्तन भी 92 रुपए की दर से होगा, जिसमें दो रुपए शेयर का अंकित मूल्य है और 90 रुपए प्रीमियम है।
यह शेयर अभी बाजार में 78.90 रुपए पर मिल रहा है। शेयर बीएसई (कोड – 532718) और एनएसई (कोड – PRATIBHA) दोनों में लिस्टेड है। बहुत सीधी-सी बात है कि जब किसी विदेशी निवेशक को 92 रुपए पर कंपनी के शेयर दिए जा रहे हैं तो इसकी बकत कम से कम इतनी तो होगी ही। यानी, प्रतिभा इंडस्ट्रीज का स्टॉक कम से कम 16.5 फीसदी बढ़त की गुंजाइश रखता है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 934.91 करोड़ रुपए की आय पर 56.51 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। इस साल जून 2010 की तिमाही में उसकी आय 306.49 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 16.25 करोड़ रुपए रहा है। हाल में घोषित नतीजों के मुताबिक सितंबर 2010 की तिमाही में उसने 245.72 करोड़ रुपए की आय पर 13.61 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है।
उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 6.46 रुपए है और शेयर 12.22 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 42.38 रुपए है। यानी, शेयर का बाजार भाव उसकी बुक वैल्यू का 1.86 गुना है। कंपनी ने पिछले तीन सालों में 100 से 150 फीसदी लाभांश (दो रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर दो से तीन रुपए) दिया है। जाहिर है कि इन सभी मानकों पर कंपनी के शेयर में निवेश करना मुनासिब लगता है।
एक और मानक पर कंपनी आकर्षक नजर आती है। इसके प्रवर्तक और मौजूदा सीईओ व प्रबंध निदेशक अजित कुलकर्णी हैं। उन्होंने 1982 में जब यह प्रतिभा इंडस्ट्रीज की स्थापना की थी, तब उनकी उम्र केवल 24 साल की थी। उन्होंने अपनी मां ऊषा कुलकर्णी को कंपनी का कार्यकारी चेयरपर्सन बना रखा है जो बेटे में रचे-बसे एक अच्छे पारिवारिक मूल्य और संस्कार को दर्शाता है। बताते हैं कि अजित कुलकर्णी के संपर्क अच्छे हैं और कंपनी के भीतर उन्होंने काफी पारदर्शिता बरत रखी है।