125 अरब डॉलर कोई मामूली रकम नहीं होती। 2007-08 में देश का कुल निर्यात 163 अरब डॉलर का रहा है। लेकिन वॉशिंगटन की एक रिसर्च संस्था ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 से 2008 के बीच भारत से 125 अरब डॉलर का जनधन बाहर निकला है। यह धन राजनेताओं ने भ्रष्टाचार से हासिल किया था और छिपाने के लिए वे इसे विदेश में ले गए। संस्था की अर्थशास्त्री कार्ली करसियो ने अपने ब्लॉग पर यह जानकारी देते हुए लिखा है कि भ्रष्टाचार के चलते भारत के आर्थिक विकास का लाभ आबादी के बड़े हिस्से तक नहीं पहुंच पाएगा। भारत दुनिया के 180 भ्रष्टतम देशों में 84वें नंबर पर है।
2010-09-15