कावेरी सीड कंपनी लिमिटेड (बीएसई कोड – 532899, एनएसई कोड – KSCL) आंध्र प्रदेश की कंपनी है। उसका बीज तो 1978 में पड़ गया था। लेकिन पब्लिक लिमिटेड कंपनी वह चार साल पहले 2006 में ही बनी। उसे हाल ही में फोर्ब्स पत्रिका ने एक अरब डॉलर से कम कारोबार की श्रेणी में एशिया की सर्वश्रेष्ठ 200 कंपनियों की सूची में शामिल किया है। वैसे, इस सूची में भारत की 25 कंपनियां शामिल हैं। कंपनी के ग्राहक किसान हैं और नाम के अनुरूप उसका मुख्य काम तरह-तरह के बीज बनाना है। लेकिन वह उपज बढ़ाने से लेकर फसल संरक्षण और भूमि को बेहतर बनाने के उत्पाद भी बनाती है। कंपनी के पास अपनी आर एंड डी सुविधाएं हैं।
कावेरी सीड कंपनी का आईपीओ सितंबर 2007 में आया था और उसने अपने दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर 170 रुपए पर जारी किए थे। इनका मौजूदा भाव 283.50 रुपए चल रहा है। इसने पिछले महीने 3 अगस्त को 321 रुपए पर 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर हासिल किया है, जबकि न्यूनतम स्तर 27 नवंबर 2009 को 195.10 रुपए का रहा है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 162.14 करोड़ रुपए की आय पर 29.06 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि चालू वित्त वर्ष में जून की पहली तिमाही में ही उसने 148.04 करोड़ रुपए की आय और 31.18 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल कर लिया है।
कंपनी की ठीक पिछले बारह महीने (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 27.08 रुपए है और उसका शेयर 10.47 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। उसकी बुक वैल्यू 132.85 रुपए है। जाहिर है कंपनी का शेयर बहुत सस्ता तो नहीं है। लेकिन कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड और भविष्य की संभावना को देखते हुए उसमें निवेश फलदायी हो सकता है। जिस देश में 70 फीसदी आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में कृषि से जुड़ी हो, वहां कावेरी सीड जैसी कंपनियों के लिए यही कहा जा सकता है कि वे जहां तक दौड़ लें, ज़मीन उनकी है।
आप कंपनी की वेबसाइट पर जाकर उसके बारे में तमाम जानकारियां हासिल कर सकते हैं। उसके पास अच्छी टीम है और वह काफी प्रोफेशनल तरीके से काम करती है। कंपनी की इक्विटी 13.7 करोड़ रुपए है। इसमें प्रवर्तकों का हिस्सा 63.71 फीसदी है, जबकि 13.73 फीसदी शेयर घरेलू संस्थाओं (डीआईआई) और मात्र 0.21 फीसदी शेयर एफआईआई के पास हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 3482 है। इसमें से एक फीसदी से ज्यादा शेयर रखनेवालों में आईडीएफसी प्रीमियर इक्विटी फंड (8.71 फीसदी), रेलिगेयर फिनवेस्ट (3.26 फीसदी) और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्यूजन फंड (3.09 फीसदी) शामिल हैं।
बाकी बाजार की खास चर्चा यह है कि ब्रशमैन (इंडिया) लिमिटेड पर सर्किट ब्रेकर लगने का सिलसिला शुरू हो चुका है और एशियन पेंट्स घाटे में चल रही इस कंपनी को खरीद सकती है। शेयर अभी 9.43 रुपए पर है, लेकिन 12 महीनों में इसके 100 रुपए तक जाने का हल्ला है। हाल-फिलहाल यह 13-14 रुपए तक जा सकता है। एचसीसी अभी तक 63-64 रुपए पर अटका है। लेकिन जल्दी ही यह 75 रुपए तक पहुंच सकता है।
शेष क्या लिखें। जैसे-जैसे बाजार को आपके साथ समझ रहा हूं तो पता चल रहा है कि यहां तो क्रिकेट मैचों से कई गुना ज्यादा फिक्सिंग चलती है। क्रिकेट का मामला उजागर हो जाता है। पर, यहां सबको पता रहते हुए भी हमारे नियामक ही ‘अनजान’ रहते हैं। पिछले हफ्ते अहमदाबाद से एक ऑपरेटर ने रात में एसएमएस किया कि राज ऑयल आज 50 से बढ़कर 55 के ऊपर चला जाएगा। अगले दिन यही हुआ। इसे फिक्सिंग नहीं तो क्या माना जाए!!!