केएलआरफ: रोटी-कपड़ा-बिजली

शेयर बाजार की चाल को देखकर जब बड़े-बड़े विद्वान भी खुद को असहाय महसूस करने लगते हैं तो कुछ दिनों या महीनों से इसे साधने की कोशिश में लगे हम-आप अगर ऐसी भावना के शिकार होते हैं तो इसमें परेशान होने की बात नहीं है। असल में शेयरो में निवेश जहां विज्ञान है, वहीं यह एक कला भी है जो अभ्यास से आती है। इसलिए मुझे तो लगता है कि तुरंत कूद पड़ने के बजाय हमें थोड़ी-सी रकम (मान लीजिए 10,000 रुपए) निकालकर इस कला को समझने और निखारने की कोशिश करनी चाहिए। सबसे अहम बात यह है कि निवेश तो कभी भी किया जा सकता है, लेकिन निकला कैसे जाता है, इसी से तय होता है कि हम शेयर बाजार से फायदा कमा पाते हैं या नहीं। अमूमन हमारी हालत अभिमन्यु जैसी होती है जो व्यूह में घुसना तो जानता है, लेकिन निकलने की कला उसे नहीं आती।

खैर, आज चर्चा केएलआरएफ लिमिटेड की। तमिलनाडु की इस कंपनी का नाम पहले कोविलपट्टी लक्ष्मी रोलर फ्लोर मिल्स हुआ करता था। अब छोटा हो गया है। कंपनी ने 1964 में 46,800 टन क्षमता की फ्लोर मिल से शुरुआत की थी। अब वह टेक्सटाइल, शीट मेटल फैब्रिकेशन व ट्रेडिंग भी करती है। इसके अलावा देश के दक्षिणी समुद्री तट पर होने के नाते उसने अपने इस्तेमाल के लिए 6.25 मेगावॉट की विंड मिल भी लगा रखी हैं। कंपनी के प्रबंध निदेशक सुरेश जगन्नाथन और कार्यकारी निदेशक वी एन जय प्रकाशम हैं। ये दोनों ही काफी काबिल, अनुभवी और समर्पित किस्म के उद्यमी माने जाते हैं।

कंपनी ने इस साल जून की पहली तिमाही में 43.72 करोड़ रुपए की आय पर 94.95 लाख रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में उसे 32.29 करोड़ रुपए की आय पर 90.15 लाख रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी जबरदस्त कायाकल्प के दौर में है क्योकि जून 2010 की तिमाही का शुद्ध लाभ उसके पिछले वित्त वर्ष 2009-10 के पूरे शुद्ध लाभ 51.52 लाख से लगभग दोगुना है। क्रिसिल इक्विटी रिसर्च का आकलन है कि मेटल फ्रैब्रिकेशन या कास्टिंग व्यवसाय में अच्छी प्रगति के कारण चालू वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी की कुल आय 167.69 करोड़ रुपए, शुद्ध लाभ 2.33 करोड़ और ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 4.6 रुपए रहेगा। इसके अगले साल 2011-12 में आय 178.46 करोड़, शुद्ध लाभ 2.73 करोड़ और ईपीएस के 5.4 रुपए रहने का अनुमान है।

कंपनी की इक्विटी 5.02 करोड़ रुपए है। इसमें प्रवर्तकों का हिस्सा 39.14 फीसदी, घरेलू वित्तीय संस्थाओं का 5 फीसदी और अन्य का 55.84 फीसदी है। इसके शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपए और यह बीएसई (कोड – 507598) और एनएसई (कोड – KLRF) दोनों में लिस्टेड है। शेयर की बुक वैल्यू 38.61 रुपए है, जबकि वह पिछले एक महीने से 29 से 30 रुपए के बीच चल रहा है। कल सोमवार को यह बीएसई में 3 फीसदी की गिरावट के साथ 29.30 रुपए पर बंद हुआ है। क्रिसिल का आकलन है कि इसके शेयर का उचित मूल्य 35 रुपए है। यानी इसमें 19.45 फीसदी बढ़त की संभावना है।

बाकी जानकारों की सलाह है कि एचसीसी में गिरावट से कतई परेशान होने की जरूरत नहीं है। बल्कि हर गिरावट पर इसमें थोड़ी-थोड़ी खरीद बढ़ाकर एवरिंग कर लेनी चाहिए। शरद पवार का हाथ इस कंपनी के पीछे है। सिंगापुर टाइगर के नाम से चर्चित एक बड़ा फंड इसमें व्यापक खरीद कर रहा है। त्रिवेणी ग्लास में अब भी खरीद बनती है। मारुति के जल्दी ही 1500 रुपए तक जाने की संभावना है। आईएफसीआई अब नए ऑरबिट में जाना शुरू कर चुका है। ओल्ड फॉक्स सेंचुरी व बॉम्बे डाईंग, वन मैन आर्मी टाटा स्टील, एचडीआईएल, एचसीसी व आईडीएफसी, बिग बुल आईएफसीआई व आईडीबीआई और एनाम ग्रुप पावर ग्रिड में खरीद कर रहा है।

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