दो शब्दों के जादुई शब्द बीमा से दरअसल आपको अप्रत्याशित हालात में अपनी व परिवार की सुरक्षा करने में सहायता मिलती है। जीवन की राह में सुरक्षित चलने के लिए बीमा जरूरी भी है। यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान-यूलिप, टर्म इंश्योरेंस, होम इंश्योरेंस, पेंशन प्लान, सिंगल प्रीमियम प्लान, हेल्थ इंश्योरेंस व वाहन बीमा जैसे रूपों व योजनाओं में बीमा की विभिन्न पॉलिसियां आज बाजार में मौजूद हैं। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि इनकी खरीदारी लोग एजेंट के कहने से या फिर कुछ विशेष हालात में करते हैं। पर ऐसा नहीं होना चाहिए। आज हम बताएंगे कि किसी भी प्रकार की बीमा पॉलिसी को खरीदने से पहले आपको किन सात सच्चाइयों का ज्ञान होना जरूरी है।
यूलिप के बारे में सच्चाई: यूलिप से संबंधित नए दिशानिर्देश आ जाने के बाद जीवन बीमा उद्योग बदलाव के दौर से गुजर रहा है। बीमा कंपनियां प्रोडक्ट और उनके बेचने के तरीकों में परिवर्तन कर रही हैं। सभी लाइफ यूलिप पर कवर को दोगुना कर दिया गया है और सभी यूलिप योजनाओं के लिए लॉक-इन पीरियड को तीन से बढ़ा कर पांच साल कर दिया गया है। नए दिशानिर्देश 1 सितंबर 2010 से लागू होंगे। इसलिए यूलिप में निवेश करने के लिए सितंबर तक का इंतजार करना चाहिए। एक जरूरी बात आपको हमेशा ध्यान देना चाहिए कि यह जोखिम भरी योजना है। आप यूलिप तभी लें, जब आपको शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का ज्ञान हो। नहीं तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर रहेगा।
टर्म इंश्योरेंस के बारे में सच्चाई: टर्म इंश्योरेंस जीवन बीमा का किफायती विकल्प है। हाल के कुछ सालों में टर्म पॉलिसियों के प्रीमियम आश्चर्यजनक रूप से 50 फीसदी तक कम हुए हैं। शुद्ध बीमा तो यही है। आपके बीमा पोर्टफोलियो में इसका होना जरूरी है। पर ध्यान रहे कि इसमें निवेश पर वापसी यानी रिटर्न अमूमन नहीं होता। पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसीहोल्डर की अचानक मौत की दशा में उसके आश्रित को सम एश्योर्ड की रकम हासिल हो जाती है। मेच्योरिटी पर आमतौर पर रिटर्न नहीं मिलता। जिन पॉलिसियों में रिटर्न की पेशकश की जाएगी, वे पॉलिसियां निश्चित रूप से मंहगी होंगी।
होम इंश्योरेंस के बारे में सच्चाई: आपका घर एक कीमती संपति ही नहीं. बल्कि आपके और परिवार के रहने के लिए एक सुरक्षित जगह भी होती है। लिहाजा इसे बीमा कवच मुहैया कराना आपकी एक बड़ी जिम्मेदारी है। होम इंश्योरेंस में जरूरी है कि पॉलिसीधारक अपने घर और सामान का उनके पूरे मूल्य के मुताबिक बीमा करवाए। साथ में यह भी इंतजाम करें कि आप कीमती सामान का कवरेज रिप्लेसमेंट वैल्यू पर लें न कि डेप्रिशिएटेड वैल्यू पर। यानी अगर आपके एसी को 10,000 रुपए में दोबारा बेचा जा सकता हो पर उसे बदलने के लिए 20,000 रुपए की लागत आएगी। ऐसे में जब तक आपका इंश्योरेंस 20,000 रुपए का नहीं होगा आपको अपने क्लेम पर पूरा भुगतान नहीं मिलेगा।
पेंशन प्लान के बारे में सच्चाई: एक अच्छा पेंशन प्लान आपको व्यवस्थित तरीके से पैसा जमा करने में मदद देता है। पर आमतौर पर ज्यादातर पेंशन प्लान मंहगे होते हैं। हालांकि इसमें गारंटीयुक्त रिटर्न मिल जाता है। उसी पेंशन प्लान को चुनिए जिसमें न्यूनतम 4.5 फीसदी गारंटीड रिटर्न की पेशकश की गई है। अगर आप बहुत ही कम जोखिम लेना चाहते हैं और अपने पैसे बैंकों की डिपॉजिट स्कीम में रखना चाहते हैं तब ही पेंशन प्लान लें। वैसे आप टर्म इंश्योरेंस जैसी मूल पॉलिसी लेकर भी सुरक्षित हो सकते हैं। यदि आप जोखिम उठा सकते हैं तो आपके लिए म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार या नई पेंशन स्कीम ठीक रहेंगे।
सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के बारे में सच्चाई: हकीकत में यह योजना उन लोगों के लिए है जिन्हें बीमा कवर की जरूरत नहीं होती। इय योजना का ध्येय निवेश होता है। पिछले साल कई बीमा कंपनियों ने गारंटीड रिटर्न वाली सिंगल प्रीमियम पॉलिसी बाजार में उतारी थी। पर इनके बारे में सच्चाई यह है कि इनका फायदा निवेशकों को तभी मिलता है जब ब्याज दरें ऊंची हों। इसी वजह से एलआईसी की जीवन आस्था ने अच्छा बिजनेस किया था, पर जीवन निश्चय अपेक्षानुरूप बिजनेस नहीं कर पाई।
वाहन बीमा पॉलिसी के बारे में सच्चाई: जैसे किसी वाहन में शॉक एब्जॉर्वर काम के होते हैं वैसे ही वाहन मालिक के लिए मोटर बीमा पॉलिसियां होती हैं। आजकल तो वाहन बीमा काफी आकर्षक हो गया है पर ध्यान रहे कि छोटे-मोटे डैमेज के लिए क्लेम मत करें। ऐसा करने पर आपका नो क्लेम बोनस चला जाएगा। इसे आप बचा कर रखिए। यह आगे मंहगी कार खरीदते समय आपके काम आएगा।
हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में सच्चाई: हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बारे में यह जान लीजिए कि सारे प्लान इस तरह इस तरह से गढ़े गए होते हैं कि कवरेज का दायरा कम-से-कम होता जाए। एक और सच्चाई यह है कि सबसे अच्छी हेल्थ पॉलिसी इंडीविजुअल पॉलिसी नहीं है बल्कि यह ग्रुप मेडिक्लेम के रूप में है। आपको अपने प्लान में पहले से मौजूद बीमारी का सही-सही मतलब समझ लेना है क्योंकि सबसे ज्यादा विवाद इसी बारे में ही होता है।
– राजेश विक्रांत (लेखक बीमा प्रोफेशनल हैं)
बीमा के बारे में आपके द्वारा बताये गए सात सचों पर अमल करूँगा … उपयोगी जानकारी देने के लिए धन्यवाद.