रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति से ज्यादा उम्मीद करने जैसा कुछ था ही नहीं। रेपो दर में चौथाई फीसदी की वृद्धि बाजार की लय को नहीं तोड़ सकती थी। बाजार अब तेजी के दौर में जा पहुंचा है। मजाक बहुत हो चुका है। अभी तक ऑपरेटरों ने रिटेल निवेशकों पर सवारी गांठी है और शेयर भावों को अपने हिसाब से तोड़ा-मरोड़ा है। पहले भारती एयरटेल को डाउनग्रेड किया गया और फिर अपग्रेड। अब मारुति को डाउनग्रेड किया गया है और आप देखेंगे कि इसका भी अपग्रेड होगा। यूबीएस ने आदर्श पोर्टफोलियो से मारुति को हटा दिया है। लेकिन आप यह बात नोट करके रख लें कि वही यूबीएस एक दिन खुद आगे बढ़कर मारुति के शेयर 2000 रुपए पर खरीदेगा। ये है बाजार का हाल, जहां ऑपरेटर आपको धता बताते रहे हैं क्योंकि रिटेल और एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) निवेशक अभी तक बाजार से किनारा कसे हुए थे।
लेकिन अब बाजार छिछलेपन से गहराई में उतर रहा है क्योंकि एक तरह का भरोसा जम चुका है कि निफ्टी 5200 से नीचे नहीं जा सकता। इसका ऊपरी लक्ष्य भी बदलकर 6000 कर दिया गया है। अभी तक की रैली में जो निवेशक भाग नहीं ले सके, वे अब पूरी ताकत के वापसी कर रहे हैं। इसका संकेत ऋद्धि सिद्धि के 50 फीसदी बढ़ने, मात्र 10 मिनट में 1.20 लाख शेयरों के कारोबार के साथ एचबी एस्सेट में 20 फीसदी उछाल और कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स के 122 से 147 रुपए तक पहुंच जाने से मिलता है जिसमें खरीद का सिलसिला अब भी थमा नहीं है।
दरअसल सूत्रों से संपर्क करने पर हमें पता चला है कि कैम्फर में कल 160 से 167 रुपए पर ब्लॉक डील हो सकती है। यह वही मूल्य है जिस पर प्रवर्तकों ने इसके शेयर बायबैक किए थे। कंपनी ने पिछले साल 20 रुपए का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) हासिल किया था और सूत्रों के मुताबिक इस बार यह दोगुना हो सकता है। इसलिए यह शेयर रिद्धि सिद्धि ग्लूको की राह अपना सकता है। कम से कम तीन ब्रोकर इस स्टॉक के पीछे लगे हैं और हमें नहीं पता कि किसको इसकी डोर हाथ लगी है। वैसे, यह शेयर 167 रुपए पर ही सस्ता पड़ेगा क्योंकि 250 भी इसके लिए वाजिब मूल्य है जो इसकी बुक वैल्यू से दोगुना है। वीआईपी अभी अपनी बुक वैल्यू से सात गुने पर चल रहा है और उसमें वो मूल्य अब नहीं है जो हमने 34 रुपए पर खरीद की सलाह देते वक्त पाया था। इसलिए वीआईपी को बेचकर उसके एक शेयर के बदले कैम्फर के तीन शेयर खरीद लेने चाहिए। स्टॉक हमेशा खास मूल्य के हकदार होते हैं और वो है उसका एंट्री मूल्य यानी वह भाव जिस पर हम उसे खरीदते हैं।
एक प्रमुख एफआईआई ब्रोकर ने एचसीसी पर रिपोर्ट (62 पेज की रिपोर्ट जिसमें लवासा प्रोजेक्ट का मूल्य शामिल किया गया है) निकाली है और उसमें इसके लिए 143 रुपए का लक्ष्य रखा है। हालांकि इस ऑपरेटर
की फितरत शेयर को ऊपर-नीचे करने की है। लेकिन इसका ट्रैक-रिकॉर्ड एकदम दुरुस्त है। आप यकीनी तौर पर मान सकते हैं कि यह स्टॉक फायदा दिलाएगा। दूसरे रीयल्टी स्टॉक भी समय के साथ बाजार में दुर्लभ हो जाएंगे। एक समय मैं नेस्ले, इंडिया शेविंग और प्रॉक्टर एंड गैम्बल का बड़ा फैन था। यह तो मैं आपको बस झांकी दिखा रहा हूं। अभी सस्ते में मिल रहे रीयल्टी स्टॉक्स भी अगले दो साल में इसी तरह झांकी में देखने की चीज बन जाएंगे। दिल्ली की रीयल्टी कंपनियों से कहीं ज्यादा मेरा पसंदीदा स्टॉक हैं – एचडीआईएल, सेंचुरी और बॉम्बे डाईंग।
जब कोई आपसे सलाह मांगने आता है तब तक अमूमन वह अपना मन बना चुका होता है। वह तो बस इतना चाहता है कि आप उसे सलाह देने के बजाय उसके फैसले की तारीफ कर दें।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)