अलगोरिथम एक फ़ारसी गणितज्ञ के नाम पर आधारित पद्धति है। अब्बासी वंश के ख़लीफ़ा हारूं अर्रशीद और उसके बेटे अल मामून ने बग़दाद में एक बैतुल हिक्मा या ज्ञानालय खोला था जहां दुनिया भर के शास्त्रों का अनुवाद और नए ज्ञान का संधान किया जा रहा था। दुनिया भर के विद्वान वहां एकत्र हो गए थे। भारतीय गणित विद्या पर अल ख़ारिज़्मी नाम के एक शख़्स ने एक किताब लिखी जिसे लैटिन में अनुवाद किया गया तो उसका नाम हुआ – भारतीय गणित पर अलगोरित्मी के विचार। बाक़ी सब चला गया, अलगोरित्मी रह गया और कालान्तर में बदल कर यह अलगोरिथम हो गया। साभार: अभय
2010-06-16