सरकार ने शुक्रवार को 586.14 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 22 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा 30 मार्च 2012 की बैठक की गई सिफारिशों के बाद ही इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। एफडीआई को एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेश) या पोर्टफोलियो निवेशक की तुलना में ज्यादा अच्छा माना जाता है।
इसमें सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव शांता बायोटेक्निक्स का है जिसमें 514 करोड़ रुपए का एफडीआई आना है जो अकेला बाकी 21 प्रस्तावों पर भारी है। कंपनी इस रकम को जैव-प्रौद्योगिकी से जुड़े उत्पादों और अन्य जैव उत्पादों के अनुसंधान, विकास, विनिर्माण और विपणन से संबंधित गतिविधियों पर लगाएगी।
सरकार ने रडार प्रणालियों, विभिन्न तरह के रक्षा इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों के विकास, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा सहायता मुहैया कराने से संबंधित एक संयुक्त उद्यम लगाने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा में 25.99 करोड़ रुपए के एफडीआई का प्रस्ताव मंजूर कर लिया।
सरकार ने स्प्रिंगर एडिटोरियल सर्विसेस के 12.87 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को भी अनुमति दे दी। इसके जरिए कंपनी प्रकाशन सेवाओं, विषय-वस्तु तैयार करने, सामग्री प्रबंधन और सामग्री की आउटसोर्सिग सहित अन्य कामों के लिए 100 फीसदी तक विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाएगी।
सरकार ने हालांकि तारा एयरोस्पेस सिस्टम्स, अल शकूर कंपनी फॉर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन और आर्डेन हेल्थ केयर ग्लोबल जैसी कंपनियों के 18 प्रस्तावों को खारिज कर दिया। सरकार ने वेर्गा अटैचमेंट्स, क्वेस्ट ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग और योरनेस्ट एंजेल फंड ट्रस्ट के पांच प्रस्तावों को भी खारिज कर दिया। निकित इन्वेस्टमेंट्स के एक प्रस्ताव को एजेंडे से ही हटा लिया गया है।