देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज, बीएसई ने मंगलवार को बीसीबी फाइनेंस की लिस्टिंग के साथ अपना अलग एसएमई एक्सचेंज प्लेटफॉर्म शुरू कर दिया। इससे लघु व मध्यम स्तर की कंपनियों को पूंजी बाजार से जोड़ा जाएगा। पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने बीएसई को इसकी इजाजत पिछले साल सितंबर में ही दे दी थी। लेकिन इसे व्यावहारिक स्वरूप देने में इतना वक्त लगना लाजिमी था।
मंगलवार को इस प्लेटफॉर्म पर पहली लिस्टिंग के मौके पर एक्सचेंज में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग के सचिव आर के माथुर, सेबी के पूर्णकालिक निदेशक राजीव अग्रवाल और वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलात विभाग से जुड़े सी एस मोहपात्र मौजूद थे।
आर के माथुर का कहना था कि उनका विभाग इस प्लेटफॉर्म के शुरू होने की बाट जोह रहा था। इससे जीडीपी में करीब 17 फीसदी का योगदान करनेवाले एसएमई क्षेत्र को पूंजी बाजार का लाभ मिल सकेगा। सेबी के नुमाइंदे राजीव अग्रवाल ने कहा कि इस मंच को सफल बनाने के लिए नियामक के बतौर सेबी ने बहुत सारे नियमों में ढील दी है। लेकिन निगरानी का इंतजाम भी चौकस रखा गया है। मोहपात्र के मुताबिक इस मंच से देश में वित्तीय समावेश के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
इस मौके पर आयोजित समारोह में बीएसई के प्रबंध निदेशक व सीईओ मधु कन्नन ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म का लांच किया जाना एक्सचेंज के इतिहास की अहम घटना है। एसएमई हमारी अर्थव्यवस्था के बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं। इस मंच से छोटी इकाइयों को बड़ी कंपनियां बनने में मदद मिलेगी। वैसे, अजीब सी बात यह है कि लिस्ट होनेवाली पहली एसएमई कंपनी फाइनेंस से जुड़ी हुई है जिसके छोटी या बड़ी होने से अर्थव्यवस्था पर खास फर्क नहीं पड़ता।
बीसीबी फाइनेंस की 11.50 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 69.22 फीसदी है। इसके दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर मंगलवार को 27 रुपए तक जाने के बाद 25.70 रुपए पर बंद हुए। आज इसके कुल 2.76 लाख शेयरों में ट्रेडिंग हुई और ये सारे के सारे शेयर डिलीवरी के लिए थे। कंपनी ने पब्लिक इश्यू में अपने शेयर 25 रुपए पर जारी किए थे।