जिसका अंदेशा था, वैसा ही हुआ। फेसबुक ने एक दिन पहले ही चेतावनी दी थी कि घनेरों महंगे मुकदमों में हारने पर उसे मजबूरन अपना कामकाज बंद करना पड़ सकता है। वस्तुस्थिति का तो पता नहीं। लेकिन मंगलवार को सुबह से कई घंटों तक ये जबरदस्त लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट डाउन प़ड़ी रही। इस बीच ताजा घटनाक्रम में इंटरनेट सर्च इंजन याहू ने फेसबुक के ख़िलाफ़ बौद्धिक संपदा के उल्लंघन का मुक़दमा भी दायर कर दिया है।
याहू का दावा है कि फेसबुक ने उसके 10 पेटेंटों का उल्लंघन किया है जिनमें वेब पर विज्ञापन देने के तौर-तरीके शामिल हैं। फेसबुक ने इन आरोपों से इनकार किया है। लेकिन उसने अपने संभावित निवेशकों के लिए तैयार किए गए दस्तावेज में कहा है कि याहू समेत कई संस्थाओं की तरफ से की गई कानूनी कार्रवाइयां उसके धंधे पर बड़ा असर डाल सकती हैं। इससे उसकी वित्तीय हालत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। बता दें कि फेसबुक का करीब 100 अरब डॉलर आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) इसी साल बाज़ार में आने जा रहा है।
फेसबुक की साइट के डाउन होने से दुनिया भर में उससे जुड़े 80 करोड़ से ज्यादा लोग परेशान हो गए हैं। यहां नोट करने की बात यह है कि फेसबुक ने आईपीओ के लिए तैयार दस्तावेज में बताया है कि इस्तेमाल करनेवाले उसे 84.50 करोड़ लोगों में से करीब पांच फीसदी गलत या दोहरे खाते वाले लोग हैं।
उधर याहू को पूरा यकीन है कि वह फेसबुक को मुकदमे में आराम से हरा देगी। वैसे तो पेटेंट से संबंधित मुक़दमेबाज़ी स्मार्टफ़ोन निर्माता कंपनियों के बीच आम है। लेकिन दो बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के बीच ऐसी जंग पहली बार शुरू हुई है। याहू ने जारी किए गए एक वक्तव्य में कहा है, “याहू के पेटेंट मैसेजिंग, न्यूज फ़ीड जेनेरेशन, सोशल कमेंटिंग, विज्ञापन प्रदर्शन, प्राइवेसी नियंत्रण जैसे इंटरनेट उत्पादों की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से संबंधित हैं। उपभोक्ताओं को प्रोफाइल बनाने और दूसरे लोगों व बिजनेस से जोड़ने का फेसबुक का पूरा सोशल नेटवर्क मॉडल याहू की पेटेंट की जा चुकी सोशल नेटवर्किंग तकनीक पर आधारित है।”
इसके जवाब में फेसबुक का कहना है कि याहू ने अदालत के बाहर मामला निपटाने की कोई ख़ास कोशिश नहीं की। उसने याहू के कदम को हैरान करनेवाला बताया है। उसने कहा है, “याहू लंबे समय से फेसबुक का बिजनेस पार्टनर रहा और जिसे फेसबुक से जुड़ने से काफी फ़ायदा भी हुआ है। हमें बड़ी निराशा हुई है कि उससे अपनी ऐसी सहयोगी कंपनी के खिलाफ मुकदमा करने का फ़ैसला किया है।”
मालूम हो कि याहू ने साल 2004 में सर्च इंजन, गूगल के खिलाफ भी उसका पब्लिक इश्यू आने से पहले मुक़दमा करने का फ़ैसला किया था। लेकिन गूगल ने याहू को अपने 27 लाख शेयर देकर मामला निपटा दिया था। असल में याहू बड़ी मुश्किल और वित्तीय संकट में चल रही है। उसे लगता है कि फेसबुक के खिलाफ मुकदमा जीतने पर उसे अच्छी-खासी रकम मिल सकती है।