देश की अर्थव्यवस्था जल्दी ही 8-9 फीसदी की ऊंची सालाना विकास दर की राह पर वापस आ जाएगी। यूपीए सरकार की मुखिया के रूप में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सोमवार को यह दावा किया। वे संसद के बजट सत्र के पहले दिन राज्यसभा और लोकसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक विकास दर भी अच्छी है। बता दें कि हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर साल भर के 8.4 फीसदी से घटकर फिलहाल 7 फीसदी के आसपास आ गई है।
राष्ट्रपति ने भारतीय अर्थव्यवस्था के मूलाधार को मजबूत बताते हुए कहा कि भारत आर्थिक वृद्धि उसके बाजार की आंतरिक विशालता और मजबूती पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक मूलभूत पहलू स्वस्थ हैं। भारत की वृद्धि की संभावनाएं घरेलू बचत व निवेश की ऊंची दर, आबादी की अनुकूल उम्र संरचना और स्थिर लोकतांत्रिक व्यवस्था जैसे कारकों पर टिकी हैं।
श्रीमती पाटिल ने कहा कि विश्व की मौजूदा प्रवृत्तियों को देखते हुए वर्तमान वृद्धि दर भी अच्छी है। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्ष 2010-11 में हमारी अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की आकर्षक दर से बढ़ी, लेकिन चालू वित्त वर्ष में यह लगभग सात फीसदी पर आ गई है।
मालूम हो कि केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने चालू वित्त वर्ष 2011-12 में आर्थिक विकास दर का त्वरित अनुमान 6.9 फीसदी निकाला है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह साल विश्व अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किलों से भरा है और अर्थिक अनिश्चिताताओं ने पूरे विश्व पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। अंतरराष्ट्रीय माहौल में राजनीतिक अनिश्चितता व अस्थिरता बढ़ी है और जिस परिवेश में हम काम कर रहे हैं, वह पिछले एक साल में ज्यादा ही चुनौतियों से भर गया है।