बर्जर पेंट्स के चौथी तिमाही के नतीजे 15 मई को आएंगे। लेकिन इससे पहले कंपनी के शेयरों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कल बुधवार को इसका शेयर बीएसई में 4.82 फीसदी बढ़कर 60.85 रुपए पर बंद हुआ, जबकि एनएसई में 5.25 फीसदी की बढ़त के साथ इसका आखिरी भाव 61.20 रुपए रहा है। बाजार के जानकारों की मानें तो अभी यह 63-64 रुपए तक आसानी से जा सकता है यानी इसमें तत्काल इसमें 4 फीसदी बढ़त की गुंजाइश है। वैसे भी पेंट एक सदाबहार उद्योग है और इसकी मांग बराबर बनी रहती है। हाउसिंग सेक्टर की बढ़त के साथ यह स्थाई भाव से बढ़ता है। बर्जर का ब्रांड भी जानामाना है।
कंपनी के शेयर का मौजूदा पी/ई अनुपात 18.73 है, जबकि इसी उद्योग की अन्य प्रमुख कंपनियों में एशियन पेंट्स का पी/ई अनुपात 28.56 और कंसाई नेरोलक का 24.31 है। इस लिहाज में बर्जर में अभी ऊपर उठने की संभावना है। हा, कंपनी परिचालन लाभ मार्जिन में थोड़ा पीछे है। बर्जर का परिचालन लाभ मार्जिन 11.15 फीसदी है, जबकि एशियन पेंट्स के लिए यह मार्जिन 20.92 फीसदी और कंसाई नेरोलक का 14.75 फीसदी है। वैसे देश की प्रमुख पेंट कंपनियों में सबसे सस्ता शेयर इसी का है।
बर्जर पेंट्स ने दिसंबर 2009 में खत्म तिमाही में 426.18 रुपए की आय पर 27.76 करोड़ रुपए शुद्ध लाभ कमाया था। पिछले पूरे वित्त वर्ष 2008-09 में उसकी आय 1513.74 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 88.76 करोड़ रुपए था। यह कोलकाता की कंपनी और सुबीर बोस इसके प्रबंध निदेशक हैं। कंपनी 2006 से लेकर 2009 तक लगातार लाभांश देती रही है।
कंपनी की कुल इक्विटी 69.21 करोड़ रुपए है जो 2 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। कंपनी की इक्विटी में 75.59 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों का है, जबकि एफआईआई की भागीदारी 6.04 फीसदी है। कंपनी अपने उत्पादों में परंपरा और आधुनिकता को मिलाकर चलती है। एक तरफ रंगों के चयन में वह वास्तु और फेंग सुई का ध्यान रखती है तो दूसरी तरफ उसने इको-फ्रेंडली पेंट भी बाजार में उतारे हैं।