आपको कतई यकीन नहीं है कि निफ्टी बढ़कर 5500 तक पहुंच जाएगा। फिर भी मेरी दृढ़ मान्यता है कि ऐसा होकर रहेगा और हम उसे 5480 या 5500 तक पहुंचा हुआ जरूर देखेंगे। मेरी दृढ़ता और पुष्ट हो गई, जब निफ्टी फ्यूचर्स आज ऊपर में 5454 तक जाने के बाद 5452.20 पर बंद हुआ। कैश सेगमेंट में निफ्टी 5428.05 तक जाने के बाद 0.48 फीसदी की बढ़त लेकर 5416.05 पर बंद हुआ है।
आप सब लोगों की तरह मैं भी फिलहाल तेज़ी की धारणा नहीं रखता और साफ-साफ महसूस करता हूं कि बाजार बहुत तेज़ी से नीचे आ जाएगा। लेकिन इस धारणा के बावजूद आपने लांग कॉल्स को काटा नहीं है, जबकि हमारी टीम ने सोच के अनुरूप अपनी लोच को बनाए रखा है। जब तक लांग कॉल्स फायदा दे रही हैं, तब तक शॉर्ट सौदों को होल्ड करने, शॉर्ट कॉल्स देने और स्टॉप लॉस लगते जाने को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।
यह है अंतर आपके और हमारे बीच का। जब भी बाजार का रुख बदलेगा, हम निश्चित रूप से बेचेंगे। लेकिन हाल-फिलहाल यही लगता है कि फिजिकल सेटलमेंट के अभाव और 5200 से ही कुछ फंडों, एचएनआई व ऑपरेटरों की शॉर्ट पोजिशन ने कैश के अंतर को निगलने के लिए बाज़ार को एक ऊंचाई पर रोक रखा है। जिन स्टॉक्स में ट्रेडर व निवेशक शॉर्ट सौदे करके फंस गए हैं, केवल वे स्टॉक्स ही बढ़ रहे हैं, भले ही फंडामेंटल्स इस बात की इजाजत देते हों या नहीं। हालांकि इस तेजी में पूरे बाजार की भागीदारी नहीं है क्योंकि उसे इसके टिके रहने का भरोसा नहीं है और लोग हर बढ़त पर बेचने में लगे हैं। फिर भी किस्मत उनका साथ नहीं दे रही कि उन्हें अपने सौदों पर फायदा हो जाए क्योंकि यहां पूरी तरह जुएबाज़ी चल रही है, सट्टेबाज़ी नहीं।
अब इस हफ्ते मे तीन दिन और अगले हफ्ते में तीन दिन बचे हैं। उसके बाद हम नए सेटलमेंट में प्रवेश कर जाएंगे। देखना यह है कि क्या मंदड़िए कल सुबह अपने शॉर्ट सौदे काट देंगे क्योंकि निफ्टी नई ऊंचाई को पार कर गया है या वे इस सेटलमेंट के अंत तक इंतजार करेंगे? इतना तय है कि तेजड़िए अपने लांग सौदों को मार्च में ले जाने के मूड में नहीं होंगे क्योंकि वे जनवरी से फरवरी तक काफी कमा चुके हैं। फिर भी हम देखेंगे कि इनके दिमाग में क्या चल रहा है जिसका पता इससे लगेगा कि अगले कुछ सत्रों में बाज़ार पलटकर गिरता है या आगे बढ़ने का सिलसिला यूं ही जारी रखता है।
सूत्रों के मुताबिक रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर-कॉम) के एफसीसीबी का शेयरों में परिवर्तन मार्च 2012 के पहले हफ्ते के आसपास होना है। इसलिए अनिल अंबानी समूह को या तो मौजूदा बाजार मूल्य पर इन विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों को शेयर में बदलना होगा या उनकी रकम ब्याज समेत लौटानी होगी। अगर मौजूदा बाजार मूल्य पर इन्हें शेयरों में बदला जाता है तो कंपनी की इक्विटी काफी बढ़ जाएगी, विरल हो जाएगी। ऐसे में एक ही रास्ता दिखता है कि अनिल अंबानी कंपनी का टावर का धंधा बड़े भाई मुकेश अंबानी को बेच दें और इससे मिली रकम से एफसीसीबी की देनदारी निपटा दी जाए। यह सारा प्रकरण आर-कॉम को नए धरातल पर ले जा रहा है क्योंकि ऐसा होने पर कंपनी की फिर से रेटिंग की जाएगी। जहां तक आंकड़ों की बात है तो डेरिवेटिव सेगमेंट में इसके फ्यूचर्स में 1.5 करोड़ से ज्यादा शेयरों की पोजिशन खड़ी है जबकि 100 रुपए पर खूब सारे कॉल ऑप्शंस हो रखे हैं।
सूत्रों का कहना है कि मुकेश अंबानी समूह ने इस स्टॉक में बड़ी पोजिशन बना रखी है। एक फंड, जिसके पास आर-कॉम के 3.5 करोड़ शेयर हैं, वह इससे निकलना चाहता है और 1.5 करोड़ शेयर 80 से 94 रुपए तक के भाव पर बेच सकता है। बिग बुल (राकेश झुनझुनवाला) ने इस स्टॉक में तीन महीने पहले 90 रुपए पर एंट्री मारी है। पता चला है कि जल्दी ही इस स्टॉक में दो करोड़ शेयरों की ब्लॉक डील होनेवाली है। इसके बाद इसकी री-रेटिंग होगी। थोड़े में कहूं कि इस सेटलमेंट ही यह स्टॉक यहां से 20 फीसदी बढ़ सकता है। आखिरी, पर अहम बात यह है कि कैश सेटलमेंट की व्यवस्था के चलते इस स्टॉक में शॉर्ट सेलिंग करनेवाले फंस जाएंगे। ध्यान रखें, इससे अनिल अंबानी समूह के उन दूसरे शेयरों में चमक आ जाएगी जो साल 2011 में हमेशा शॉर्ट करनेवालों के चंगुल में फंसे रहे। साल 2012 में अनिल अंबानी का मुकद्दर चमकने जा रहा है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश में उनकी पसंदीदा सरकार भी बन सकती है।
कविता का काम है चीज़ों के इर्दगिर्द शांति की फुहारें डालकर शब्दों के घटाटोप से घिरे रूखे यथार्थ को निर्मल बना देना।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)