भारत सरकार आखिरकार सैन्य मामलों में घरेलू आधार को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। हम अभी तक विदेशी सैनिक हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर पर बहुत ज्यादा निर्भर है। खबरों के मुताबिक सरकार अब रक्षा से जुड़े सार्वजनिक उद्यमों (पीएसयू) और निजी कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यम बनाने के नए दिशानिर्देशों को मंजूर करने जा रही है।
मज़गांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) देश के चार डिफेंस शिपयार्ड में सबसे बड़ा है। उसके पास करीब 1,00,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं जिसमें से 23,562 करोड़ का प्रोजेक्ट छह स्कॉर्पियन सबमरीन के लिए और 41,007 करोड़ रुपए सात गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक के लिए हैं। पिपावाव डिफेंस ने एमडीएल के साथ साझेदारी कर रखी है। सरकार का यह रुख रक्षा मामलों से संबंधित तमाम स्टॉक्स के लिए काफी अच्छा है।
एस्ट्रा माइक्रो, पिपावाव डिफेंस व नेल्को कुछ ऐसे स्टॉक्स हैं जिनको इसका खास फायदा मिलेगा। लेकिन इनमें मेरा सबसे अच्छा दांव पिपावाव डिफेंस पर है। इसकी कुछ खास वजहें हैं। एक तो यह है कि दो सालों में इसकी ऑर्डर बुक 10 अरब डॉलर की हो जाएगी। दूसरे, इससे आरजे (राकेश झुनझुनवाला) जैसे निवेशक जुड़े हुए हैं। तीसरे, कंपनी ने बाहर के निवेशकों को 110 रुपए पर प्लेसमेंट किया है। और, सबसे आखिरी वजह यह कि कंपनी बहुत जल्दी ही गिरवी रखे अपने शेयरों को छुड़वा रही है। मेरा मानना है कि यह कई गुना बढ़नेवाला स्टॉक बनने जा रहा है। असल में यह अगले तीन सालों में वीआईपी इंडस्ट्रीज से भी बेहतर स्टॉक बन सकता है।
जैसा कि मैंने आपको बताया था कि निफ्टी फ्यूचर्स आज 5451.65 अंक की नई ऊंचाई पर चढ़ गया। ज्यादातर एचएनआई अपनी लांग पोजिशन बंद कर चुके हैं और बाजार के करेक्ट होने या गिरने का इंतज़ार कर रहे हैं। हर दिन वे बेचने की कोशिश करते हैं और स्टॉप लॉस का धक्का सहते हैं जो दिन के सर्वोच्च स्तर पर ट्रिगर हो जाता है। 5450 बहुतों के लिए आखिरी पड़ाव है और उसके ऊपर पहुंचते ही अब वे शॉर्ट करना शुरू कर देंगे। लेकिन मेरा मानना है कि निफ्टी हथियार डालने से पहले 5500 तक चला जाएगा। कैश सेगमेंट में निफ्टी आज 5412.35 और फ्यूचर्स में 5448 पर बंद हुआ है। तीन बजे के बाद बाजार में आखिरी आधे घंटे में आज बाजार में तेज उछाल देखा गया।
अगले हफ्ते सोमवार, 13 फरवरी बहुत अहम तारीख है जब एसबीआई और सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) अपने नतीजे घोषित करेंगे। उनसे मिली कोई भी निराशा तेज गिरावट का सबब बन सकती है। अब तक जो हुआ, अच्छा हुआ। भले ही हमने मंदी की धारणा अपना रखी है। लेकिन हम मिड कैप और लार्ज कैप स्टॉक्स की रैली का फायदा उठाने से चूके नहीं हैं। एवरेस्ट कांटो सिलिंडर आज 13 फीसदी तक छलांग लगा गया।
हमें न्यूनतम स्टॉप लॉस के साथ लांग होने में कोई हर्ज नहीं दिखता। लेकिन स्टॉप लॉस लगाने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि बाजार में अचानक करेक्शन या गिरावट का अंदेशा है। फिर सही वक्त पर शॉर्ट कॉल्स का इंतज़ार करें। निफ्टी 4531 से 5446 तक एकतरफा बगैर किसी करेक्शन के बढ़कर पहुंच गया है। यह दिसंबर 2007 जैसा पैटर्न बना रहा है। हमने 14 दिसंबर 2007 को सारी लांग कॉल्स बंद कर दी थीं और बाजार पर 21 जनवरी 2008 को निचला सर्किट लग गया।
कृपया यह बात दिमाग में रखें क्योंकि हमारा बाजार कभी तो जबरदस्त ताकत दिखाता है और कभी बिना कोई आवाज़ किए एकदम दीनहीन बन जाता है। इसकी वजह है फिजिकल सेटलमेंट का अभाव। एफआईआई व ऑपरेटर इस व्यवस्था को बनाए रखना चाहेंगे क्योंकि वे दौलत के दम पर बाजार को मुठ्ठी में रखते हैं और भारतीय ट्रेडरों को कठपुतली की तरह नचाते हैं। यहां के बाद अगर आप स्टॉप लगाने से चूक गए तो बेवजह गहरे संकट में फंस जाएंगे। मैं आपको डरा नहीं रहा, बल्कि सतर्क कर रहा हूं। बजट तक सबसे बेहतर नीति यही होगी कि सौदा दिन का दिन में काट दिया जाए। कुछ भी अगले दिन खींचकर न ले जाया जाए।
दिल की अपनी वजहें होती हैं। लेकिन दिमाग इन वजहों को न तो समझता है और न ही कोई तवज्जो देता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)