वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की घोषणा के मुताबिक प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) अगर नए वित्त वर्ष 2011-13 से लागू हो गई तो आयकर मुक्ति की सीमा 1.80 लाख रुपए के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर दो लाख रुपए की जा सकती है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने पेश किए जानेवाले आम बजट में नौकरीपेशा लोगों को आयकर में कुछ राहत मिल सकती है।
प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए संसद में पेश प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) में भी यही व्यवस्था की गई है। इसमें दो लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त रखने और विभिन्न कर दरों की श्रेणी में आय सीमा बढ़ाई गई है।
जानकारों का मानना है कि केन्द्र सरकार के सामने इस समय जिस तरह की राजकोषीय दिक्कतें हैं, उन्हें देखते हुए आयकर की दरों में तो कमी के कोई आसार नजर नहीं हैं। लेकिन इतना जरूर है कि सरकार डीटीसी की कुछ प्रमुख सिफारिशों को आगामी बजट में सुविधानुसार शामिल कर सकती है।
डीटीसी में आयकर छूट सीमा 1.8 लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का प्रावधान किया गया है। डीटीसी विधेयक फिलहाल संसद की स्थायी समिति के पास विचाराधीन है। विधेयक में यह भी प्रस्ताव है कि 30 फीसदी व्यक्तिगत आयकर 10 लाख रुपए सालाना आय से अधिक कमाने वालों पर लगाया जाना चाहिए। इस समय यह सीमा आठ लाख रुपए है।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी मार्च मध्य में किसी समय 2012-13 का आम बजट पेश करेंगे। उद्योग जगत भी आयकर स्लैब बढ़ाने की मांग कर रहा है। बहरहाल माना जा रहा है कि सरकार टैक्स स्लैब को 10, 20 और 30 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखेगी।