लोकपाल विधेयक पर सरकार अण्णा हज़ारे के आक्रामक तेवर के आगे नरम पड़ती दिख रही है। एक तरफ मुंबई के बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में हज़ारे को 27 दिसंबर से 15 दिनों तक अनशन करने की सरकारी अनुमति मिल गई है। वहीं, इसकी नौबत न ही आए, इसके लिए कल, मंगलवार दोपहर दो बजे विधेयक को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।
कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के मुताबिक विधेयक का एकदम नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है जिसे कल की बैठक के पहले आज रात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को दिखा लिया जाएगा। इसमें सीबीआई और प्रधानमंत्री को लोकपाल के तहत लाने के वैकल्पिक उपाय किए गए हैं। इससे उम्मीद है कि टीम अण्णा के तेवर भी नरम पड़ जाएंगे। इसका शुरुआती संकेत यह है कि अण्णा ने दिल्ली छोड़ अपने गांव रालेगण सिद्धि जाने का इरादा कर लिया है।
सरकार लोकपाल विधेयक पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध कराए जाने के लिए संसद के शीतसत्र की अवधि 22 दिसंबर से पांच दिवसीय अवकाश के बाद तीन दिन बढ़ाए जाने को तैयार हो गई है। सोच यह है कि 27, 28 व 29 दिसंबर को लोकपाल विधेयक पर चर्चा के बाद उसे पारित करवा लिया जे। उम्मीद है कि बुधवार को लोकपाल विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक लोकपाल विधेयक में किए गए प्रमुख बदलावों में प्रधानमंत्री को कुछ शर्तो के साथ लोकपाल के दायरे में लाना, भ्रष्टाचार के मामलों में लोकपाल को सीबीआई के ऊपर अधिकार देना और सीबीआई प्रमुख की चयन प्रक्रिया में बदलाव आदि शामिल हैं।