आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने तय किया है कि अब खाद्यान्नों व चीनी कै उत्पादन का 90 फीसदी हिस्सा को जूट के थैलों में पैक करना जरूरी होगा। सीसीईए का यह फैसला जूट वर्ष 2011-12 (जुलाई 2011 से जून 2012 तक) से लागू हो जाएगा।
हालांकि इसके कुछ अपवाद भी है। मसलन, जो चीनी निर्यात के लिए पैक की गई थी, लेकिन जिसका निर्यात नहीं हो पाया, वह इस आदेश से मुक्त रहेगी। छूट का आधार खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग का अनुरोध होगा। इसके लिए अलग से दिशा निर्देश तैयार किये जाएंगे।
विटामिनों के साथ पैक की गई चीनी और निर्यात की जाने वाली जिन्सों की पैकेजिंग, 25 किलोग्राम से कम वजन वाले छोटे उपभोक्ता पैकेट और 100 किलोग्राम से बड़े पैकेट इस आरक्षण से बाहर होंगे। जूट के थैलों की कमी अथवा विशेष परिस्थितियों में इन नियमों से छूट देने का भी प्रावधान है जिसके अंतर्गत अनाज और चीनी के अधिकतम 20 फीसदी भाग पर यह छूट दी जा सकेगी। इस फैसले का उद्देश्य जूट मिलों में काम करने वाले श्रमिकों और उनके परिजनों को राहत पहुंचाना है।