चालू वित्त वर्ष 2011-12 में अप्रैल से जुलाई तक के चार महीनों में देश में संवेदनशील वस्तुओं का आयात 37.6 फीसदी बढ़ गया है। वहीं सभी जिसों का कुल आयात 36.18 फीसदी बढ़ गया है। इस साल संवेदनशील वस्तुओं का कुल आयात 31,692 करोड़ रुपए का हुआ है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 23,039 करोड़ रुपए का आयात किया गया था।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के पहले चार महीनों में सभी जिंसों का कुल आयात 6,74,324 करोड़ रुपए का रहा, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 4,95,149 करोड़ रुपए था। इस प्रकार पिछले साल और इस साल संवेदनशील वस्तुएं कुल आयात का 4.7 फीसदी रही हैं।
इस अवधि के दौरान व्यापक समूह स्तर पर दूध व दूध से बनी वस्तुएं, चाय, कॉफी और खाद्यान्नों के आयात में कमी आई है। लेकिन सभी अन्य मदों, जैसे खाद्य तेल, ऑटोमोबाइल, फल व सब्जियां, दाल, रबर, कपास व रेशम, लघु उद्योग के उत्पाद, मसाले, संगमरमर और ग्रेनाइट व एल्कोहलिक पेय के आयात में वृद्धि हुई है।
खाद्य तेल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 8763.7 करोड़ रुपए था। इस बार बढ़कर 14,274.6 करोड़ रुपए हो गया। कच्चे तेल और रिफाइंड तेल दोनों में क्रमशः 62.4 फीसदी और 67.3 फीसदी की वृद्धि हुई है। खाद्य तेलों में वृद्धि का मुख्य कारण कच्चे पाम ऑयल और उसके अंशों के आयात का बढ़ना है।
इंडोनेशिया, चीन गणराज्य, मलयेशिया, अर्जेंटीना, जर्मनी, कोरिया, युक्रेन, अमेरिका, कनाडा, जापान, थाईलैंड, बेनिन, घाना, ब्रिटेन आदि से संवेदनशील वस्तुओं के आयातों में वृद्धि हुई है, जबकि म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया वगैरह से इनमें गिरावट आई है।