जैसी कि उम्मीद थी, मुंबई का सीरियल ब्लास्ट शेयर बाजार पर बेअसर रहा। बाजार खुला जरूर थोड़ा गिरावट व घबराहट के साथ। लेकिन यह मंदड़ियों को घात लगाकर पकड़ने जैसा था क्योंकि परसों निफ्टी 5500 तक गिर गया था और तमाम ट्रेडर व देशी-विदेशी फंड शॉर्ट सौदों में फंस गए थे। यह मजबूत इरादों वाले तेजड़ियों के लिए सुनहरा मौका था और वे मंदड़ियों के साथ जारी शीत-युद्ध के बीच निफ्टी को 5620 के ऊपर ले गए। इससे चलते स्टॉप लॉस से मंदड़ियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उसके बाद क्या हुआ, आप बखूबी जानते हैं। मुझे वो सब कुछ दोहराने की जरूरत नहीं है।
निफ्टी के 5650 पर पहुंचने पर तेजड़ियों ने दिन की अपनी लांग पोजिशन काट दीं और बड़े पैमाने पर शॉर्ट हो गए क्योंकि टीसीएस के नतीजे बाजार की उम्मीद से काफी कम रहनेवाले हैं। इससे उपजी निराशा से बाजार को तगड़ी चोट लगेगी। ज्यादा आसार इस बात के हैं कि पहली तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 1970 करोड़ रुपए रहेगा, जबकि बाजार में आमराय 2270 करोड़ रुपए की है। नतीजे आज ही बाजार बंद होने के बाद घोषित होने वाले हैं। आरजे (राकेश झुनझुनवाला) और उनका गैंग टीसीएस में शॉर्ट हो चुका है। स्टॉक आज 3 फीसदी तक गिर गया। मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा जो इसे तोड़कर बैठा न दिया जाए। कल इसके काफी गिरकर खुलने का अंदेशा है।
लेकिन बाजार निचले स्तरों पर जाने के बाद सुधरेगा क्योंकि कल शुक्रवार है। गिरावट का दूसरा मसला यह भी है कि कल बाजार का स्ट्रेस टेस्ट है जिसे व्यग्रता या वोलैटिलिटी पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि मेरा मानना है कि यह टेस्ट आसानी से गुजर जाएगा और बाजार उसके बाद उठेगा।
फिलहाल तेजड़ियों का पलड़ा भारी है क्योंकि बहुत सारे शॉर्ट सौदे 5500 पर फंसे पड़े हैं। इनमें से थोड़ी शॉर्ट कवरिंग 5620 के ऊपर पहुंचने पर हो चुकी है। लेकिन इसके बाद 5600 के नीचे आने पर भी नए शॉर्ट सौदे यह मानते हुए होने लगे कि बढ़त तो तात्कालिक आवेग का नतीजा थी। कल फिर मंदड़िए अपनी बेध्यानी में धरे जाएंगे और तेजड़िए अपनी सवारी 5730 की तरफ बढ़ा ले चलेंगे। यह ब्रेक आउट का असली बिंदु है जहां से निफ्टी 500 अंक की सरपट उड़ान भर सकता है।
निफ्टी आज 5653.95 तक जाने के बाद 5599.80 पर बंद हुआ। खैर, 5650 पर हमने अपनी तीन को छोड़कर बाकी सारी कॉल्स बंद कर दी हैं। ये तीन कॉल्स हैं – सेंचुरी में लांग, टीसीएस में शॉर्ट और एडवैंटा इंडिया में लांग। सारेगामा आज 20 फीसदी के ऊपरी सर्किट तक चला गया। हालांकि हमारा मानना है कि इसकी वजह आरपी गोयनका समूह की रीस्ट्रक्चरिंग के तहत दोनों भाइयों में इक्विटी हिस्सेदारी का इधर-उधर होना है।
इन सारी बातों के बीच जो बात उभरकर सामने आ रही है, वो यह कि बहुत सारे बी ग्रुप के स्टॉक्स में कम से कम कुछ ऑपरेटरों के आ जाने से वोल्यूम धीरे-धीरे बढ़ रहा है। यह राहत की बात है और बाजार की भावी गति का संकेत भी। फिर भी हम उन लोगों को रोक तो नहीं सकते जो बी ग्रुप के शेयरों को मरे हुए भावों पर भी बेचकर निकल लेना चाहते हैं।
संपूर्णता कोई मजिल नहीं, बल्कि यात्रा है। हर बार राह में मुझे कोई न कोई नया सबक मिलता है और मैं पहले से ज्यादा पूर्ण हो जाता हूं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)