तीन माह तक लगातार घटने के अप्रैल 2011 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 43 फीसदी बढकर 3.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले साल इसी माह देश में कुल 2.17 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था। एक अधिकारी ने बताया कि एफडीआई के मौजूदा आंकड़े वैश्विक और विशेष रूप से यूरोपीय अर्थव्यवस्था में सुधार को दर्शाते हैं।
इस दौरान देश में मुख्य रूप से मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात ने निवेश किया। अप्रैल 2011 में सर्वाधिक 1.17 अरब डॉलर का निवेश सिंगापुर से आया, जबकि मॉरिशस से 97.6 करोड़ डॉलर, जापान से 23.5 करोड़ डॉलर, फ्रांस से 22 करोड़ डॉलर, और साइप्रस से 17 करोड़ डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया गया।
आलोच्य माह के दौरान सर्वाधिक निवेश सेवा क्षेत्र में कुल 65.8 करोड़ डॉलर हुआ, जबकि कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 31.1 करोड़, बिजली क्षेत्र में 25.6 करोड़ डॉलर, कंप्यूटर व हार्डवेयर क्षेत्र में 9.6 करोड़ डॉलर, दूरसंचार क्षेत्र में 4.6 करोड़ डॉलर और रीयल एस्टेट क्षेत्र में 3.8 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ।
इससे पहले इस कैलेंडर वर्ष में जनवरी 2011 के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 48 फीसदी की गिरावट के साथ 1.2 अरब डॉलर रहा था। फरवरी में यह 30 फीसदी गिरावट के साथ 1.04 अरब डॉलर रहा। मार्च में इसमें 11 फीसदी गिरावट आई और यह एक अरब डॉलर रह गया।
बीते वित्त वर्ष 2010-11 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एक साल पहले के मुकाबले 25 फीसदी घटकर 19.4 अरब डॉलर रह गया था। इससे पिछले वर्ष 2009-10 में देश में 25.83 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। हालांकि, इस बीच औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने विदेशी निवेश से जुड़े सभी नियमों और प्रावधानों को मिलाकर एक दस्तावेज में एकत्रित कर दिया था।