यूरोप में जारी वित्तीय संकट के बावजूद भारत ने निर्यात के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया है। मार्च में खत्म वित्त वर्ष 2010-11 में देश का निर्यात 37.5 फीसदी बढ़कर 245.9 अरब डॉलर हो गया। अकेले मार्च माह में निर्यात 43.9 फीसदी बढ़कर 29.1 अरब डॉलर रहा है।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने मंगलवार को ये आंकड़े जारी किए। उन्होंने कहा कि देश का निर्यात पहली बार 200 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते 2009-10 में निर्यात सिर्फ 178 अरब डालर रहा था। 2010-11 के दौरान देश में हुआ आयात 350.3 अरब डॉलर रहा है और व्यापार घाटे में पहले की तुलना में कमी देखी गई।
वाणिज्य मंत्री ने संवाददताओं को बताया कि इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात सबसे अधिक देखा गया और इसमें 84.76 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। यह 60 अरब डॉलर के ऊपर पहुंच गया। पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 50.58 फीसदी वृद्धि के साथ 42.45 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों (चाय, कॉफी, तंबाकू, मसाले, काजू, खाद्य तेल, फल और सब्जियां तथा समुद्री उत्पाद) का निर्यात 12.92 अरब डॉलर के ऊपर रहा है। हालांकि इस दौरान कच्चे लोहे का निर्यात 25 फीसदी घटकर 4.5 अरब डॉलर रह गया। इस मौके पर वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने बताया कि ये आंकड़े अनंतिम हैं और इसमें संशोधन की संभावनाएं हैं।