केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि इस सीजन में खरीदे जानेवाले लगभग 263 लाख टन गेहूं का 20 फीसदी हिस्सा खुले में रखना पड़ेगा क्योंकि देश में इसके भंडारण की उचित सुविधाएं नहीं हैं। पिछले साल गेहूं की सरकारी खरीद 254 लाख टन रही थी जो इस साल 9 लाख टन ज्यादा रहेगी। बता दें कि इस बार पंजाब व हरियाणा में गेहूं की बंपर फसल हुई है।
सरकारी संस्था भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक सिराज हुसैन के मुताबिक अकेले पंजाब व हरियाणा में 50 लाख टन से अधिक गेहू आसमान के नीचे खुले तिरपाल (सीएपी) में रखा जाएगा। पिछले साल जुलाई में पंजाब में 95 लाख टन गेहूं तिरपालों में रखा गया था। इस साल 1 अप्रैल की स्थिति यह थी कि उसमें से 41 लाख टन गेहूं ऐसे ही पड़ा था। अब इसमें 50 लाख टन का इजाफा और हो जाएगा। बता दें कि इस तरह खुले में रखे गेहूं का बड़ा हिस्सा अक्सर चूहों और बारिस की भेंट चढ़ जाता है।
हालांकि सिराज हुसैन का कहना है कि एफसीआई 127 लाख टन भंडारण की सुविधा निजी क्षेत्र से किराए पर लेने जा रहा है। इस स्कीम के तहत सात सालों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के गोदाम किराए पर लेगी। उनका कहना था कि अगले 18 महीनों में इसका इंतजाम हो जाएगा। इन निजी गोदामों के लिए सरकार अभी तक 3.80 रुपए प्रति क्विंटल किराया देती है, जिसे अब बढ़ाकर 4.29 रुपए प्रति क्विंटल किया जा रहा है।