कुछ कंपनियां मूलभूत कारकों के आधार पर मजबूत होती हैं। लेकिन उनके शेयर भाव दबे पड़े रहते हैं। ऐसी ही एक कंपनी है जे बी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स। यह बेहद प्रोफेशनली मैनेज्ड कंपनी है। कंपनी ने दिसंबर 2009 की तिमाही में 202 करोड़ रुपए की आय पर 29.56 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। वित्त वर्ष 2008-09 में उसकी आय 737 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 78.74 करोड़ रुपए था, जबकि उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) 9.34 रुपए दर्ज किया गया था। कंपनी के शेयर का भाव मंगलवार को बीएसई में 1.75 फीसदी गिरकर 75.60 रुपए पर बंद हुआ। इसका 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 79.70 रुपए (25 मार्च 2010) और न्यूनतम स्तर 37 रुपए (29 अप्रैल 2009) रहा है।
जहां इस स्तर की दूसरी कंपनियों के शेयर अपने ईपीएस से 34-35 गुना (पीई) तक ऊपर चल रहे हैं। लेकिन इसका मौजूदा पीई अनुपात 9 के आसपास है। इसकी समकक्ष कंपनियों में रैनबैक्सी लैब, एबट इंडिया, डिविस लैब को गिना जाता है जिनके शेयर भाव क्रमशः 475.50, 901 और 700.65 रुपए चल रहे हैं, जबकि इसका शेयर इसी 25 मार्च को 79.70 रुपए के शिखर पर पहुंचा है। जानकारों के मुताबिक जे बी केमिकल्स फंडामेटल के आधार पर काफी मजबूत है और लंबे समय के एक यह निवेशकों के लिए सुरक्षित व लाभकारी निवेश बन सकता है।
यूनीक समूह की अगुआ कंपनी जे बी केमिकल्स की 11 उत्पादन इकाइयां है, जिसके तीन संयंत्रों को यूएसएफडीए का अनुमोदन मिला हुआ है। कंपनी घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए स्पेशियलिटी मेडिसिन बनाती है। इसके आर एंड सेंटर भी काफी स्तरीय हैं। कंपनी की 52 फीसदी बिक्री अमेरिका, यूरोप, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया से आती है। बाजार के जानकारों का मानना है कि जे बी केमिकल्स इस स्तर भी निवेश की लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकता है।