राठी बार्स को हमने कल खरीदने की सलाह दी थी और आज वह कल के बंद भाव 16.15 रुपए से 9.97 फीसदी बढ़कर 17.76 रुपए पर पहुंचा तो उस पर 10 फीसदी का ऊपरी सर्किट ब्रेकर लग गया। केवल आज ही इसमें 15.25 लाख शेयरों के सौदे हुए हैं। इससे पहले 13 अप्रैल को उसमें 12.07 लाख शेयरों के सौदे हुए थे। असल चर्चा यह है कि उत्तर भारत की एक बड़ी स्टील कंपनी इसमें प्रवर्तकों की पूरी 57.39 फीसदी इक्विटी खरीदने की तैयारी में है। इसे अंजाम देने का क्या तरीका होगा, यह सामने आना अभी बाकी है।
बता दें कि अक्टूबर 2007 में राठी बार्स ने पब्लिक इश्यू में 35 रुपए के मूल्य पर अपने शेयर जारी किए थे। इसके बाद न तो उसने कोई डिविडेंड दिया है न ही बोनस शेयर जारी किए हैं। कंपनी की चुकता पूंजी तब भी 16.33 करोड़ रुपए थी और अब भी उतनी ही है। फिर भी उसके शेयर के भाव इश्यू मूल्य से लगभग आधे पर चल रहे हैं। लेकिन पिछले एक हफ्ते में ही यह 12 रुपए से बढ़कर 18 रुपए के करीब जा पहुंचा है।
कंपनी स्टील इंगट और बार बनाती है और उसके शेयर केवल बीएसई में लिस्टेड हैं। बडे खिलाड़ी इस शेयर मे सक्रिय हो गए हैं। कारण, कंपनी के नतीजे भी अच्छे आने की उम्मीद है। इस बार उसका ईपीएस 4 रुपए रहने का अनुमान है। 4 के ईपीएस पर कोई शेयर 20 रुपए का पड़ा, तब भी काफी सस्ता है। वह भी स्टील जैसे बढ़ते उद्योग का। कंपनी का पिछला ईपीएस 1.90 रुपए था
कंपनी को दिसंबर 2008 की तिमाही में 56.89 करोड़ रुपए की आय पर 88.99 लाख रुपए का घाटा हुआ था। लेकिन दिसंबर 2009 की तिमाही में उसने 53.27 करोड़ रुपए की आय पर 92.56 लाख रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। वित्त वर्ष 2008-09 में उसकी कुल आय 260.75 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 3.10 करोड़ रुपए था। एक बात और है कि कंपनी में रिटेल निवेशकों की संख्या काफी है। प्रवर्तकों के हिस्से से बाकी बचे करीब 42.61 फीसदी शेयर घरेलू संस्थाओं के पास हैं। ऐसे में नए निवेशकों के लिए इसमें पैसा लगाना फायदे का सौदा हो सकता है।