जेनबर्क्ट फार्मास्यूटिकल्स का शेयर शुक्रवार को 71.75 रुपए तक जाकर 52 हफ्तों के शिखर पर पहुंच गया। लेकिन बंद हुआ तो गुरुवार के बंद भाव 68.30 रुपए से 4.69 फीसदी गिरकर 65.10 रुपए पर। यह कंपनी केवल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है। इसका शेयर बी ग्रुप में है और इसका अंकित मूल्य 10 रुपए है। पिछली चार तिमाहियों के वित्तीय परिणामों के आधार पर इसका टीटीएम (ट्रेलिंग ट्वेल्व मंथ) ईपीएस 7.51 रुपए है। इस तरह मौजूदा भाव पर इसका पी/अनुपात 8.67 है, जबकि इसी उद्योग की प्रमुख कंपनी रैनबैक्सी का पी/ई अनुपात 8.65 है। इस लिहाज के जेनबर्क्ट फार्मा के मौजूदा शेयर भाव वाजिब कहे जाएंगे।
लेकिन आगे की कड़ी इसमें नई संभावना दिखा रही है। कंपनी ने दिसंबर 2009 की तिमाही में 12.42 करोड़ रुपए की आय पर 1.42 करोड़ रुपए का कर-पूर्व लाभ कमाया। लेकिन 70 लाख रुपए का टैक्स देने के बाद उसका शुद्ध लाभ 72 लाख रुपए रहा है। पूरे वित्त वर्ष 2008-09 में कंपनी ने 42.45 करोड़ रुपए की आय पर 1.64 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। लेकिन विश्लेषकों की मानें 2009-10 में उसका शुद्ध लाभ 3.86 करोड़ रुपए रहेगा। यानी, इसमें दोगुनी से भी अधिक वृद्धि का आकलन है। दूसरे, एक प्रमुख स्मॉल कैप फार्मा फंड जेनबर्क्ट के शेयरों को बटोरने में जुट गया है। इन दोनों ही वजहों से यह शेयर जल्दी ही 150 रुपए तक जा सकता है।
यह मुंबई की कंपनी है और इसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक उत्तम एन भूटा हैं। यह कई तरह की दवाएं बनाती है। उसका उत्पादन संयंत्र गुजरात के सिहोर में है। उसकी सिहोर की आर एंड डी इकाई को इसी साल जनवरी में भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मान्यता दी है। इससे कंपनी की पहचान तो बढ़ेगी ही, उस पर टैक्स का बोझ भी कम हो जाएगा। कंपनी की कुल चुकता पूंजी या इक्विटी 4.65 करोड़ रुपए है और इसमें प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 42.75 फीसदी है। प्रवर्तकों ने साल भर में अपनी इक्विटी करीब 2.5 फीसदी बढ़ाई है।
इसी उद्योग की लगभग इसी स्तर की एक और कंपनी है सम्राट फार्मा। इसके शेयर का भाव अभी बीएसई में 15.30 रुपए चल रहा है और इसका पी/ई अनुपात है 4.55, मतलब रैनबैक्सी व जेनबर्क्ट फार्मा से लगभग आधा। इसकी मौजूदा बुक वैल्यू 23.50 रुपए है। कंपनी पिछले साल घाटे में थी, जबकि इस साल दिसंबर की तिमाही में 12.52 करोड़ रुपए की आय पर 47 लाख रुपए का शुद्ध लाभ कमा चुकी है। यह अंकलेश्वर (गुजरात) की कंपनी है। ललित मेहता इसके सीएमडी हैं। कंपनी में काफी संभावना तो लगती है। देख-परख कर निवेश कर सकते हैं। बस, इसके साथ समस्या यह है कि यह बीएसई के एस ग्रुप का शेयर है। इसमें सौदे कम होते हैं, 1500-2000। इसलिए थोड़ा सा रिस्क है लिक्विडिटी का।
एक और कंपनी है जेटकिंग इनफोट्रेन। कंपनी काफी शानदार नतीजे इसी महीने के अंत तक घोषित करनेवाली है। इसलिए इसके शेयर पर नजर रखने की जरूरत है। शुक्रवार को यह बीएसई में 1.59 फीसदी गिरकर 152.05 रुपए पर बंद हुआ था। वैसे, पिछले साल 23 सितंबर को यह 233 रुपए की चोटी छू चुका है।