प्रोवोग इंडिया का शेयर आज बीएसई व एनएसई में कल से थोडा और गिर गया। सुबह गिरावट 2.20 फीसदी की थी। अब 1.80 फीसदी के आसपास है। खबर लिखे जाते समय बीएसई में इसका भाव 46.90 रुपए और एनएसई में ही 46.85 रुपए था। इसमें सौदे अच्छी-खासी मात्रा में हो रहे हैं। 12.20 बजे तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में इसके करीब 2.16 लाख शेयरों के सौदे हो चुके थे, जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में यह संख्या 1.10 लाख की थी। वैसे, बीएसई में पिछले दो हफ्तों में प्रतिदिन हुए सौदों का औसत 7.16 लाख शेयरों का रहा है। खास बात यह है कि प्रोवोग के आधे ज्यादा सौदे डिलीवरी के लिए हो रहे हैं। मोटे तौर पर मान लें कि जिन शेयरों में ज्यादा कारोबार हो रहा हो, उन पर नजर रखनी चाहिए और दमदार हों तो फौरन उन्हें खरीद लेना चाहिए।
प्रोवोग कई लिहाज से दमदार व संभावनामय कंपनी लगती है और बाजार की नब्ज समझने वालों की मानें तो एक महीने में इसका शेयर 65 रुपए तक जा सकता है यानी मोटे तौर पर 36 फीसदी का फायदा। कंपनी को हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है जब उसने नागपुर में उसकी सब्सिडियरी के रिटेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की जमीन को अरबन सीलिंग एक्ट से मुक्त कर दिया। महाराष्ट्र सरकार ने इस जमीन पर एतराज जताया था।
प्रोवोग फैशन की दुनिया का मशहूर ब्रांड हैं। इसके स्टोर देश के लगभग हर बड़े शहर में हैं। इसके ब्रांड एम्बेसेडर रितिक रोशन हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 के सालाना नतीजे अभी नहीं घोषित किए हैं। इससे पहले 2008-09 में उसने 359.73 करोड़ रुपए की आय पर 29.46 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसकी ईपीएस (प्रति शेयर कमाई) 2.60 रुपए थी। दिसंबर 2009 की तिमाही में उसकी आय 123.11 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 9.03 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 42.25 फीसदी, एफआईआई की 13.85 फीसदी और घरेलू संस्थाओं की 1.26 फीसदी है। यह शेयर बीएसई के बी ग्रुप में है और बीएसई-500 सूचकांक का हिस्सा है। शेयर का अंकित मूल्य 2 रुपए है।
यह मुंबई की कंपनी है और निखिल चतुर्वेदी इसके प्रबंध निदेशक हैं। कंपनी ने 2006 से लेकर अब तक लगातार हर साल लाभांश दिया है। कंपनी ने कुछ समय पहले ही टेक्सटाइल के धंधे में लगी एक्मे ग्लोबल का अधिग्रहण किया है। मुझे लगता है कि प्रोवोग (इंडिया) समृद्धि में हिस्सेदारी करने का अच्छा माध्यम बन सकती है। बाकी, आपकी मर्जी।