नौकरीपेशा परिवारों की पढ़ी-लिखी गृहणियां अब वित्तीय बाजार में निवेश का मोर्चा संभालने की तरफ बढ़ रही हैं। खासकर वे शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में संभल-संभलकर ही सही, निवेश करने लगी हैं। यह बात अर्थकाम के एक अनौपचारिक और छोटे से सर्वेक्षण से पता चली है। हमने मुंबई, दिल्ली व कोलकाता के अलावा बर्नपुर (पश्चिम बंगाल), लुधियाना (पंजाब), लखनऊ, गाज़ियाबाद, मेरठ व बनारस (उ.प्र.), इंदौर (म.प्र.), जयपुर (राजस्थान) के कुछ परिचित दोस्तों से बात की। इनमें से कोई मीडिया से नहीं जुड़ा है। कोई सरकारी तो कोई निजी कंपनी में नौकरी करता है। हमें यह जानकार जबरदस्त अचंभा हुआ कि तकरीबन इन सभी दोस्तों की पढ़ी-लिखी पत्नियां ही शेयर बाजार व म्यूचुअल फंड में निवेश का जिम्मा संभालती हैं। हां, बीमा में निवेश का फैसला जरूर पति करता है।
अर्थकाम ने पिछले हफ्ते मुंबई के तीन, दिल्ली के पांच, लखनऊ के दो, बर्रपुर के एक, कोलकाता के चार, जयपुर के दो, इंदौर के एक, लुधियाना के तीन, गाज़ियाबाद के तीन, मेरठ के एक और बनारस के दो दोस्तों से वित्तीय बाजार की जानकारी और उनके निवेश के बारे में दोस्ताना अंदाज में बात की। इनमें से दिल्ली के एक दोस्त को छोड़कर बाकी सभी ने यही बताया कि उनके घर में निवेश का जिम्मा उनकी घरवाली ही संभालती है। उन्होंने यह भी कहा कि अब अर्थकाम से शायद उनकी घरवाली को अपनी भाषा में वित्तीय बाजार की जानकारियां पाने में सहूलियत हो जाएगी।
अभी देश में जिस तरह वित्तीय उत्पादों की पहुंच जितनी सीमित है, उसे देखते हुए यह प्रेक्षण बाजार शोध संस्थाओं के लिए काफी काम का साबित हो सकता है। अगर यह रुझान सही पाया गया तो देश में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए नौकरीपेशा परिवारों की गृहणियों को लक्ष्य बनाया जा सकता है। बता दें कि जिन भी दोस्तों से हमने बात की, उन सभी की पत्नियां कम से कम ग्रेजुएट हैं और अंग्रेजी की मोटामोटी समझ रखती हैं। उनके घरों में आम बोलचाल की भाषा हिंदी ही है।
वैसे भी अपने यहां महिलाएं परंपरागत तौर पर घर की तिजोरी संभालती रही हैं। किसान परिवारों में भी बीज से लेकर फसल का फैसला घर की मालकिन ही करती रही हैं। ऐसे में नौकरीपेशा परिवारों की पढ़ी-लिखी घरवालियां अगर निवेश के माध्यमों की थाह लेने लगी हैं तो यह बड़ा स्वाभाविक है।
अच्छी जानकारी से भरी विवेचना को ब्लॉग पर सुन्दर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद / आशा है आप भविष्य में भी ब्लॉग की सार्थकता को बढाकर,उसे एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित करने में,अपना बहुमूल्य व सक्रिय योगदान देते रहेंगे /आप और आपके मित्रों से हमारा आग्रह है की , देश हित में हमारे ब्लॉग के इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर पधारकर १०० शब्दों में अपना बहुमूल्य विचार भी जरूर व्यक्त करें / विचार और टिप्पणियां ही ब्लॉग की ताकत है / हमने उम्दा विचारों को सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / इस हफ्ते उम्दा विचार के लिए अजित गुप्ता जी सम्मानित की गयी हैं /
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