हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी, कुमार मंगलम बिड़ला जिसके चेयरमैन हैं। बीएसई सेंसेक्स से लेकर एनएसई निफ्टी में शामिल। शेयर चल रहा है अभी 164 रुपए के आसपास। कल थोड़ा-सा बढ़ा। आज बाजार खुलते ही झट से गिर गया है। चर्चा है कि प्रमुख ब्रोकरेज हाउस एनाम सिक्यूरिटीज इसकी खरीद में जुटा हुआ है। वैसे, इस शेयर में इधर चल रही है काफी सक्रियता। ठीक एक महीने पहले 6 अप्रैल 2010 को इसने 188.20 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर छुआ है और ठीक एक साल एक दिन पहले 5 मई 2009 को 60 रुपए का न्यूनतम स्तर।
इसमें कोई दो राय नहीं कि हिंडाल्को का शेयर इस समय न तो बहुत सस्ता है, न ही बहुत मंहगा। इसके शेयर मूल्य और प्रति शेयर कमाई (ईपीएस) का पी-ई अनुपात अभी 22.89 है, जबकि बिक्री व लाभ के मामले में इससे छोटी सरकारी कंपनी नेशनल एल्यूमीनियम का पी-ई अऩुपात 49.59 चल रहा है। वित्त वर्ष 2008-09 में हिंडाल्को की बिक्री 18219.65 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 2230.27 करोड़ रुपए था, जबकि इसी अवधि में नेशनल एल्यूमीनियम की बिक्री 5230.80 और शुद्ध लाभ 1272.27 करोड़ रुपए था। यह तुलना और दिलचस्प हो जाती हैं जब आप पाते हैं कि हिंडाल्को अपेक्षाकृत कम पूंजी पर ज्यादा बड़ा कारोबार कर रही है। हिंडाल्को की इक्विटी पूंजी 170.05 करोड़ रुपए है, जबकि नेशनल एल्यूमीनियम की 644.31 करोड़ रुपए है।
हिंडाल्को नाम के अनुरूप एल्युमीनियम बनाती है। मेटल सेक्टर के शेयरों में इधर भले ही थोड़ी धमक लगी हो, लेकिन दूरगामी निवेश के लिए ये काफी मुफीद हैं क्योंकि इनकी मांग हमेशा बनी ही रहेगी। अगर आप इनके कमोडिटी भावों पर नजर रखते हैं तो इनके शेयरों से और ज्यादा लाभ कमा सकते हैं क्योंकि कमोडिटी के भाव का कई गुना ज्यादा प्रभाव उससे जुड़ी कंपनी के शेयरों पर पड़ता है। आखिर में, इस उद्योग की एक और कंपनी है पारेख एल्यूमिनेक्स। इस पर नजर रखने की जरूरत है क्योंकि इसकी बुक वैल्यू है 205 रुपए, जबकि शेयर का मूल्य है 260 रुपए। यानी नेक टू नेक। इसलिए इसका भाव तो कभी न कभी भागेगा ही। नोटः यह शेयर सचमुच भाग रहा है। बीएसई में 11 बजे के आसपास इसका भाव 5 फीसदी बढ़कर 273 के ऊपर पहुंच गया था।