सेबी एक्ट 1992 के अनुच्छेद 15-ए के अनुसार अगर कोई व्यक्ति इस पूंजी नियामक संस्था की तरफ से मांगी गई जानकारी या दस्तावेज मुकर्रर तारीख पर नहीं उपलब्ध कराता तो उस पर हर दिन की देरी पर एक लाख रुपए रोजाना की दर से जुर्माना लगाया जा सकता है। इस जुर्माने की कुल रकम अधिकतम एक करोड़ रुपए हो सकती है। लेकिन जुर्माना तय करते समय सेबी का न्यायिक अधिकारी अनुच्छेद 15-जे को भी ध्यान में रखता है। ऐसे ही कुछ नुक्तों के चलते जानकारी देने में कितनी भी देरी पर वास्तविक जुर्माना अमूमन एक लाख रुपए ही होता है।
2010-05-06