केंद्र सरकार ने रवा, मैदा और आटा जैसे गेहूं उत्पादों के निर्यात की मंजूरी को एक और साल के लिए 31 मार्च 2011 तक के लिए बढ़ा दिया है। असल में विदेश में रह रहे भारतीयों में इनकी बहुत मांग रहती है और उन्हें ये चीजें विदेशी उत्पादकों की तरफ से नहीं मिलती हैं।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने जारी की गई एक अधिसूचना में कहा कि गेहूं उत्पादों का निर्यात की अनुमति 6.50 लाख टन तक के लिए है। इसकी समयसीमा 31 मार्च 2011 तक है। सूत्रों ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 6.50 लाख टन में से केवल 23,000 टन गेहूं उत्पादों की खेप भेजी थी। जहां गेहूं उत्पादों के निर्यात को अनुमति है, वहीं खुद गेहूं की बाहर भेजे जाने वाली खेप पर वर्ष 2007 की शुरुआत से रोक लगा रखी गई है।