कावेरी टेलिकॉम का शेयर कल जैसे ही 4.97 फीसदी बढ़कर 113.05 रुपए पर पहुंचा, उस पर सर्किट ब्रेकर लग गया। उसका शेयर सुबह जिस झटके से खुला है तो आज भी ऐसा हो सकता है। आपको याद होगा कि 7 अप्रैल को जब हमने इस शेयर को खरीदने की सिफारिश की थी, तब इसका भाव था 93 रुपए। उसी समय हमने यह भी कहा था कि यह 125 रुपए तक जा सकता है। अगर किसी ने उस समय कावेरी टेलिकॉम का शेयर ले लिया होता तो करीब एक महीने में ही उसे 21.5 फीसदी का रिटर्न मिल चुका होता। खैर, उस समय भी इस शेयर पर सर्किट ब्रेकर लगना शुरू हो गया था।
नई खबर यह है कि टेलिकॉम केबल बनानेवाली बेंगलुरु की यह कंपनी यूरोप उत्तरी अमेरिका की चार कंपनियों के अधिग्रहण की कोशिश में है। बातचीत काफी आग बढ़ चुकी है। इसके पीछे इसका लक्ष्य है कि विदेश से होनेवाली आय को दोगुना कर लिया जाए। कल ही कंपनी के प्रबंध निदेशक शिव कुमार रेड्डी ने इस बात की तस्दीक की है। उनका कहना था कि अधिग्रहण से कंपनी की कुल आय में विदेश से होनेवाली आय का योगदान 40 फीसदी हो सकता है जबकि अभी यह 20 फीसदी है। उनका यह भी कहना था कि यूरोप के ऋण संकट से कंपनी को फायदा मिलेगा।
रेड्डी के मुताबिक कंपनी के पास कैश तो है, लेकिन पर्याप्त नहीं। इसलिए अधिग्रहण के लिए के लिए रकम का इस्तेमाल वह इक्विटी या ऋण के रूप में करेगी। कंपनी 3 जी सेवाओं के लिए भी उपकरण बनाने की तैयारी में लगी हुई है। पूरे वित्त वर्ष में 2009-10 में कंपनी का शुद्ध लाभ 30 करोड़ रुपए के आसपास रहने का अनुमान है। उसने दिसंबर 2009 में खत्म तिमाही में 52.82 करोड़ रुपए की आय पर 9.06 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। कंपनी के शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपए है और यह बीएसई के टीएस ग्रुप में शामिल है।