इस्पात इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक कंपनी में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी बढ़ाकर 46 फीसदी करेंगे। उनकी मौजूदा इक्विटी हिस्सेदारी लगभग 41 फीसदी है। असल में कंपनी के निदेशक बोर्ड के कल ही अपनी बैठक में तय किया है कि प्रवर्तकों को वरीयता आधार पर इक्विटी शेयर वारंट जारी किए जाएंगे। ये वारंट आवंटन के 18 महीने बाद इक्विटी शेयर में बदले जा सकते हैं। अभी बोर्ड के इस फैसले को कंपनी के शेयरधारकों की असाधारण आमसभा (ईजीएफ) में पास कराया जाएगा। यह ईजीएम अगले महीने मई में बुलाई जा सकती है। बोर्ड का फैसला है कि प्रवर्तकों को उतने शेयर प्रीफरेंशियल आधार पर दिए जाएंगे जिससे इन्हें शेयरो में बदलने के बाद कंपनी की चुकता पूंजी में प्रवर्तकों के वोटिंग अधिकार 5 फीसदी तक बढ़ जाएं। प्रवर्तकों को जारी हर वारंट एक शेयर में बदला जाएगा। लेकिन यह काम 18 महीनों के भीतर हो जाना चाहिए।
बता दें कि इस समय इस्पात इंडस्ट्रीज को निवेश के लिए बहुत मुफीद माना जा रहा है। वैसे तो कंपनी के ऊपर ऋण का भारी बोझ है। लेकिन स्टील उद्योग में इस कंपनी की स्थिति काफी मजबूत है। कंपनी के शेयर अभी 20 रुपए के नीचे चल रहे हैं और जानकारों की मानें तो ये 50 रुपए तक जा सकते हैं।