सेंसेक्स 18,600 पर पहुंच चुका है और एफआईआई बाजार में पैसा लगाए जा रहे हैं। यह उनका दोमुंहापन नहीं तो और क्या है। बिजनेस चैनलों पर वे कहते हैं कि 18,000 अंक पर बाजार महंगा है और दूसरी तरफ वे खुद खरीद किए जा रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि वे सेंसेक्स के 26,000 होने तक भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसकी तीन वजहें हैं। एक, भारत में वो सब कुछ है जिसके दम पर शेयर बाजार 26,000 अंक के स्तर पर चला जाए। दो, शेयरों के स्वामित्व का आधार सिकुड़ा हुआ है। और तीन, यहां काफी नकदी या लिक्विडिटी है। इसके अलावा कल ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वे अर्थव्यवस्था में प्रोत्साहन के लिए और धन डालेंगे। मतलब यह हुआ कि अमेरिका में फिलहाल दूर-दूर तक ब्याज दरें बढ़ने के कोई आसार नहीं है। जाहिर है, अधिक रिटर्न पाना है तो विदेशी निवेश भारत से दूर जा ही नहीं सकते।
मैं 20 रुपए के भाव से ही चिल्ला रहा था कि एसएनएल बियरिंग्स को खरीद लो, खरीद लो। आपने इसको इसलिए तवज्जो नहीं दी क्योंकि यह ज़ेड ग्रुप में शामिल था। अब यह शेयर 101 रुपए पर जम चुका है और अगले 12 महीनों में 285 रुपए तक पहुंचने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक टाटा बियरिंग्स के अलावा एक विदेशी कंपनी भी एसएनएल बियरिंग्स पर नजर लगाए हुए है। खबर के खंडन के बावजूद यह स्टॉक 10 फीसदी बढ़ा है। कैम्फर ने आज से नई पारी शुरू की है। मुझे लगता है कि इस स्टॉक में 550 रुपए का दमखम है। बाकी आपकी मर्जी।
हीरो होंडा, मारुति, एसीसी, इंडिया सीमेंट, आईडीबीआई, आईएफसीआई, एचडीआईएल, एचसीसी, पावर ग्रिड और इस्पात इंडस्ट्रीज बड़े वजनी किस्म के हाथी जैसे भारी-भरकम स्टॉक हैं जिन्हें चलाने के लिए कुछ ज्यादा ही हुनर की दरकार है। और, हम अपनी दूरंदेशी और वक्त की नब्ज समझने के दम पर यह हुनर रखते हैं। हम निफ्टी से लेकर आरआईएल तक को चलाने में कामयाब रहे हैं। किसी और वजह से नहीं, बल्कि अपनी दृष्टि और समय पर इनकी दिशा पकड़ लेने से।
अब मौका है जिंदल साउथ वेस्ट होल्डिंग्स (बीएसई कोड – 532642) का। यह अभी 1791.45 रुपए पर है। लेकिन इसमें निहित मूल्य 6300 रुपए का है। अभी तक लोगबाग इसे दो जिंदल भाइयों की होल्डिंग कंपनी के रूप में जानते हैं। हां, यह सच है कि इसकी सब्सिडियरी सन इनवेस्टमेंट्स नवीन और सज्जन जिंदल ग्रुप की कंपनियों में बहुमत शेयरधारिता रखती है जिसका मूल्यांकन 6300 करोड़ रुपए है। लेकिन इसके अलावा भी कंपनी को लेकर कुछ योजनाएं चल रही हैं। प्रवर्तक जिंदल साउथ वेस्ट होल्डिंग्स को पूरी तरह मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी बना देना चाहते हैं जिसका प्रति शेयर मूल्य 6000 रुपए हो और उसके इनवेस्टमेंट का काम तो बोनस रहेगा।
ऐसा तभी संभव है जब कंपनी की रीस्ट्रक्चरिंग या पुनर्गठन किया जाए। सूत्रों के मुताबिक जिंदल ग्रुप ने अपने निजी पोर्ट, सीमेंट और कुछ अन्य व्यवसाय इस कंपनी में डाल देने की योजना बनाई है और इसकी घोषणा अगले महीने अक्टूबर में की जानेवाली है। यही वो वजह है कि यह स्टॉक एफ एंड ओ (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) सेगमेंट में लाया गया है। इसके निवेश को जोड़ देने के बाद कंपनी का प्रति शेयर मूल्य पांच अंकों में होने की बात की जा रही है। आप अपने स्तर पर कायदे से ठोंक-बजाकर देख लें। उसके बाद ही इस स्टॉक में हाथ डालें। हालांकि हम मानते हैं कि हमने इस स्टॉक की सही पहचान की है और इसमें चल रही कहानी को सबसे पहले उजागर भी किया है। बाजार तो इसकी चर्चा तब शुरू करेगा, जब यह शेयर 2700 से 3000 रुपए तक पहुंच चुका होगा।
अगर किसी चीज की बहुत जरूरत हो, तब भी उसे जाहिर नहीं होने देना चाहिए। नहीं तो आप अच्छा मोलतोल नहीं कर पाते।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)