लंबी नहीं हैं संकट की घड़ियां

अमेरिका में कंपनियों के नतीजे आने का दौर बीत गया और एस एंड पी इंडेक्स में शामिल कंपनियों की आय 17 फीसदी बढ़ी है, जबकि उम्मीद 14 फीसदी की ही थी। वहां बेरोजगारी की दर घटना शुरू हो गई है और हाउसिंग क्षेत्र में मांग बढ़ रही है। इस तरह अमेरिकी अर्थव्यवस्था उठान पर है और ग्रीस का संकट अमेरिका को आगे बढ़ने में मददगार होगा।

भारतीय कंपनियों की भी आय अभी तक उम्मीद से बेहतर रही है। दुनिया में उपभोग के मामले में भारत धीरे-धीरे चीन को पीछे धकेल रहा है। इसलिए इतमिनान और भरोसा कायम रखें। अगर बाजार (निफ्टी) ने 200 डीएमए (डेली मूविंग एवरेज) का स्तर तोड़ दिया और अन्य दो फीसदी करेक्शन की गुंजाइश बना दी है तो क्या फर्क पड़ता है। बाजार के उभार को लेकर मेरा आकतन पहले की तरह कायम है। मुझे यही लगता है कि अभी गिरावट का जो सिलसिला चल रहा है, वह थोड़े समय ही चलेगा।

खर्च घटाने के उपायों ने भारत के साथ अमेरिका को भी आर्थिक सुस्ती व मंदी से बाहर निकाल दिया है। इसके साथ ही अगर यूरोप इस समय संकट में चल रहा है तो उसका विश्व के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में कोई खास योगदान नहीं है। अमेरिका में तीन लाख करोड़ डॉलर के पैकेज ने कमाल दिखा दिया तो अब यूरोप में भी एक लाख करोड़ डॉलर का पैकेज अपना असर दिखाएगा।

अमेरिका में डाउ जोंस सूचकांक अब 15,000 के स्तर की तरफ बढ़ रहा है। यह दुनिया के साथ हमारे बाजार की भी गति का निर्धारण करेगा। हम और हमारा बाजार मूल रूप से अभी तेजी के दौर में है। इसलिए थोड़े समय की गिरावट से परेशान होने या लालच में फंसकर हलकान होने की कोई जरूरत नहीं है।

रोलओवर शुरू हो चुका है और इसलिए उतार-चढ़ाव अभी जारी रहेगा। अगले चार सालों के निवेश के लिहाज से स्टील इस समय सबसे अच्छा सेक्टर है। टाटा स्टील, राठी बार्स और शिवालिक बाईमेटल इस दौर के विजेता साबित होंगे।

शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर गाड़ लेने से संकट नहीं टलता। उसे तो दो-दो हाथ करके ही मिटाया जा सकता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *